उत्तर प्रदेश

लू-प्रकोप (हीट वेव) से बचाव के लिए, ‘क्या करें-क्या न करें’: राहत आयुक्त

लखनऊः प्रदेश के राजस्व सचिव एवं राहत आयुक्त, श्री जी0एस0 प्रियदर्शी ने हीट वेव/लू-प्रकोप से बचाव हेतु  राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा सुझाए गए उपायों की जानकारी आम जनमानस को  दिए जाने  हेतु, इसका व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। हीट-वेव से बचाव एवं इसके प्रभावों को कम करने के लिए आम जनमानस को सजग करते हुए अपील की गई है, कि ऐसी स्थिति में वह क्या करें-क्या ना करें।

    राहत आयुक्त ने बताया कि गर्म हवाएं, लू चलने पर लोग पर्याप्त मात्रा में पानी, तरल पदार्थ जैसे- छाछ, नींबू का पानी, आम का पना का उपयोग करें। हल्के रंग  के सूती एवं ढीले कपड़े पहने एवं सर को ढकें तथा कड़ी धूप से बचें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से  पोछें अथवा नहलाएं तथा चिकित्सक से संपर्क करें। लू लगने के लक्षणो को पहचाने, यदि कमजोरी लगे, सिर दर्द हो, उल्टी महसूस हो, तेज पसीना और झटका महसूस हो, चक्कर आए तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

    श्री प्रियदर्शी ने बताया कि बीमार और गर्भवती महिला कामगारों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। विशेष तौर पर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे के बीच सूर्य के ताप से बचने  हेतु बाहर जाने से बचें एवं कड़ी मेहनत से बचें। यात्रा करते समय पानी साथ रखें। निर्जलीकरण से बचने के लिए ओ0 आर0एस0 का प्रयोग करें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान से होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। बच्चों एवं पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला  न छोड़ें। जहां तक संभव हो घर में ही रहे और सूर्य के संपर्क से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए, जहां तक संभव हो, घर की निचली मंजिल पर ही रहें। संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें। अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थ खाने से बचें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। जानवरों को छाया में बांधे और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं।

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