उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के दिव्यांगजनो के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया जा रहा है

लखनऊ: दिव्यांगजन का सशक्तीकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रत्येक दिव्यांग सशक्त, स्वाभिमानी और समर्थ बने, इसके लिये केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के दिव्यांगजनो के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया जा रहा है। दिव्यांगजनों के भरण-पोषण हेतु दिव्यांग पेंशन की अनुदान राशि 300 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये की गयी है। भविष्य में दिव्यांग भरण-पोषण की अनुदान राशि 1500 रूपये किये जाने का प्रस्ताव है। उक्त बातें प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने शनिवार को डॉ. शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के लिये आयोजित उपकरण वितरण कार्यक्रम में कही।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्विद्यालय लखनऊ में 296 दिव्यांगजनों को 462 सहायक उपकरण वितरित किये। सहायक उपकरणों में 70 मोटरराइज्ड ट्राई साइकिल, 27 ट्राइसाइकिल,10 बैसाखी, 23 व्हील चेयर, 56 स्मार्टकेन, 56 ब्रेल किट, 200 श्रवण यंत्र तथा 20 एम.आर. किट का वितरण किया गया। उन्होने कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी कराने वाले श्रवण बाधित बच्चों से मुलाकात की। जनपद लखनऊ में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 06 बच्चों का तथा अब तक कुल 37 बच्चों को कॉक्लियर इम्प्लान्ट लगाया जा चुका है। डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्विद्यालय में कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी हेतु चिन्हित श्रवणबाधित एवं कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी के बच्चों के अभिभावकों तथा इम्पैनल अस्पताल एवं संस्थाओं के डॉक्टर टीम के साथ एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। मंत्री द्वारा कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी करने वाले डॉक्टरों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजनों की यात्रा सुगम बनाने एवं गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिये मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में 32.50 करोड़ रूपये दिव्यांगजों के मोटर राइज्ड ट्राई साइकिल के लिये आंवटित किये गये है। जिससे लगभग 8000 दिव्यांगजों की यात्रा को सुगम बनाया जा सकेगा। उन्होने कहा कि दिव्यांगजों को शादी अनुदान के तहत 35000 रूपये दिये जाते है। इसमें शादी रजिस्ट्रेशन कराने में दिव्यांगजनों को हो रही परेशानी को देखते हुये अनुदान के लिये शादी रजिस्ट्रेशन की शर्त को हटा दिया गया है। उन्होने दिव्यांगजनों से कहा कि डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा में अपनी योग्यता के अनुसार प्रवेश ले। चित्रकूट स्थित जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय का भी संचालन विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसके माध्यम से  दिव्यांगजनो को सशक्त बनाकर समाज में मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा।

डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में समस्त पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 25 प्रतिशत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए तथा 25 प्रतिशत अन्य दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं। इस विश्वविद्यालय में क्रमशः कला एवं संगीत, विशेष शिक्षा, कम्प्यूटर एवं इन्फारमेशन टेक्नोलाजी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य तथा विधि संकाय के अधीन समस्त पाठ्यक्रमों में लगभग 4000 छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं, जिसमें से 1000 दिव्यांग हैं। उ0प्र0 सरकार के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त स्ववित्त पोषित योजनान्तर्गत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के अधीन अभियांत्रिकी की पांच विधाओं का संचालन किया जा रहा है। 2022-23 में एम0टेक पाठ्यक्रम की दो विधाओं का भी आरम्भ कर दिया गया है।

कार्यक्रम में विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण सत्यप्रकाश पटेल, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रोहित सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।

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