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केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड (सीएबीए) की 37वीं बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड (सीएबीए) की 37वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और  संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने भी भाग लिया।

इस बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 प्रतिनिधि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के  4 पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक के साथ-साथ संस्कृति मंत्रालय तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने सदन को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने बजट भाषण 2020 और 2021 में सांस्कृतिक महत्व के 5 प्रतिष्ठित स्थलों की घोषणा की थी। इन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। ये स्थल हैं- राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), धोलावीरा (गुजरात), सिबसागर (असम) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु)। उन्होंने इस बारे में भी प्रकाश डाला कि भारत को हाल ही में चार वर्षों (2021 से 2025 तक) के कार्यकाल के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है। इसके अलावा 9 नए स्थलों (नालंदा महाविहार बिहार, ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद, जयपुर, काकतीय रुद्रप्पा मंदिर तेलंगाना, धोलावीरा गुजरात सहित) को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है। इन्हें मिलाकर भारत के 40 स्थल यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल हो गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 241 प्राचीन कलाकृतियों को भारत वापस लाया गया है, जिनमें से 228 कलाकृतियां 2014 के बाद अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, फ्रांस और अन्य देशों से वापस लाई गई हैं। सिनौली, वडनगर, कोडुमानल, गोटीपोरुलु जैसे स्थलों पर भी खुदाई की गई है। एपिग्राफी विंग ने भी बहुत अच्छा काम किया है और देश भर में 3500 से अधिक शिलालेखों की खोज की गई है और वे पढ़े गये हैं।

श्री रेड्डी ने कहा कि सरकार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थलों और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 में संशोधन करने के बारे में काम कर रही है ताकि इसे अधिक लचीला और मैत्रीपूर्ण बनाया जा सके। उन्होंने 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए ‘हर घर झंडा’ अभियान में एएसआई को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भारत के लिए एक अच्छा अवसर आ रहा है क्योंकि वह जी-20 देशों की मेजबानी कर रहा है। यह बैठक महत्वपूर्ण स्थानों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें एएसआई स्थलों को भी शामिल किया जाएगा।

बैठक के दौरान संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ‘एएसआई सूची में स्थलों और स्मारकों को शामिल करने का एक मानकीकरण किया जाना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर कुछ स्मारकों को इस सूची से हटाया भी जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में 2014 से अब तक 228 प्राचीन कलाकृतियों को भारत वापस लाया जा सका, जबकि इससे पहले केवल 13 प्राचीन कलाकृतियां को ही वापस लाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे विरासत स्थलों को विश्व समुदाय के सामने एक समग्र दृष्टिकोण के साथ पेश करने का समाधान खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एएसआई को हाल ही में घोषित की गई 10 लाख रोजगार की रिक्तियों में से एक अच्छा हिस्सा मिलेगा और उसे आगामी जी-20 बैठक के कारण मिलने वाले अवसर का पूरी तरह से उपयोग करने की आवश्यकता है।

इस बैठक के दौरान सदस्यों के 42 प्रस्तावों के बारे में विचार किया गया। उत्खनन, जनशक्ति, प्रशिक्षण, संरक्षण, विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श किया गया।

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