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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने विश्व रोगी दिवस समारोह की अध्यक्षता की

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार की उपस्थिति में विश्व रोगी दिवस समारोह की अध्यक्षता की।

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के आयोजन के साथ भारत में 11 सितंबर से लेकर 17 सितंबर 2021 के दौरान मनाये गए “रोगी सुरक्षा सप्ताह”का समापन हुआ। विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की इस साल की थीम “सुरक्षित मातृत्वएवं नवजात देखभाल”है।

केन्द्रीयस्वास्थ्य मंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता आश्वासन 2021 के लिए संचालन संबंधी दिशानिर्देश, क्वालिटी दर्पण-एनक्यूएएस पहल के तहत प्रमुख उपलब्धियों और सीखसे संबंधित छमाही अपडेट,आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र कीतिमाही प्रगति रिपोर्टअप्रैल-जून 2021 से संबंधितई-बुकलेट,एकीकृत आरएमएनसीएएच+एन परामर्श के लिए संदर्भ नियमावलीजारी की।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मातृ प्रसवपूर्वशिशु मृत्यु निगरानी प्रतिक्रिया (एमपीसीडीएसआर) से संबंधित सॉफ्टवेयर के साथ–साथ मुस्कान, जोकि स्वास्थ्य सुविधाओं में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के वितरण को लक्षित करने के उद्देश्य सेजुड़ी एक योजना है, की भी शुरुआत की गई।

श्री मंडाविया ने इस समारोह के दौरान विभिन्न राज्यों एवंकेन्द्र- शासित प्रदेशों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) और लक्ष्य के कार्यान्वयन से संबंधित उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया। निम्नलिखित राज्यों/केन्द्र- शासित प्रदेशों को सम्मानित किया गया:

क्रम संख्या श्रेणी पहला दूसरा
1 जिला अस्पताल (डीएच) और अनुमंडल अस्पताल (एसडीएच) मणिपुर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जम्मू एवं  कश्मीर, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु
2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जम्मू एवं कश्मीर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल
3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मणिपुर, हरियाणा और तेलंगाना त्रिपुरा, केरल और मध्य प्रदेश
4 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगालैंड, केरल और गुजरात मिजोरम, हरियाणा और तेलंगाना

निम्नलिखित राज्यों/केन्द्र- शासित प्रदेशों को लक्ष्य योजना के तहत सम्मानित किया गया:

 क्रम संख्या श्रेणी पहला दूसरा तीसरा
1 छोटे राज्यों/केन्द्र – शासित प्रदेशों की श्रेणी में लेबर रूम चंडीगढ़ गोवा दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव
2 बड़े राज्यों की श्रेणी में लेबर रूम गुजरात उत्तराखंड महाराष्ट्र
3 छोटे राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों की श्रेणी में मातृत्व से संबंधित ओटी चंडीगढ़ पुद्दुचेरी गोवा
4 बड़े राज्यों/केन्द्र – शासित प्रदेशों की श्रेणी में मातृत्व से संबंधित ओटी गुजरात मध्य प्रदेश महाराष्ट्र

पुरस्कार विजेताओं की सराहना करते हुए, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता एकयात्रा है और यह बस एक बार की जाने वाली गतिविधि नहीं है, बल्कि इसे अपने दैनिक व्यवहार में अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,“यह एक आदत बन जानी चाहिए। रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की प्राचीन परंपरा है। सुश्रुत की चरक संहिता में कई चिकित्सीय उपकरणों का उल्लेख है जोकि आज भी थोड़े बदलावों के साथ इस्तेमाल में लाए जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ये सब हरेक के जीवन को संरक्षित करने के प्रति हमारे पूर्वजों के समर्पण को दर्शाते हैं।

श्री मंडाविया ने सभी संस्थाओं के प्रबंधकों से अपनी प्रक्रियाओं को रोगी-केंद्रित बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “रोगियों के प्रति स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार भी उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है।”

उन्होंने आगे कहा कि एनक्यूएएस एवं लक्ष्य, कायाकल्प, मेरा अस्पताल जैसी योजनाओं ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति लोगों के विश्वास और भरोसे को बहाल करने और उसे पुष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों द्वारा दिखाया गया उत्साह एवं जोश और देखभाल की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में उनके सामूहिक प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।

भारत और दुनिया में बच्चे के जन्म से संबंधित आंकड़ों का विवरण देते हुएडॉ. भारती प्रवीण पवार ने एनीमिया, उच्च रक्तचाप, सेप्सिस आदि जैसी स्वास्थ्य समस्याओंकी वजह से गर्भवती महिलाओं कीहोने वाली मृत्यु को रोके जाने की जरूरत पर बल दिया। एक चिकित्सकके रूप में कार्य करने के अपने अनुभवों का हवाला देते हुएउन्होंने कहा कि एक खस्ताहालव्यवस्था में किसी बच्चे को जन्म देना भावनात्मक सदमे का एक स्रोत बन सकता है। उन्होंने प्रत्येक महिला के सम्मानजनक प्रसव के अधिकार पर बल दिया। गर्भावस्थाके दौरान और प्रसव के बाद देखभाल प्रदान करने में लक्ष्य योजना के योगदान को रेखांकित करते हुएउन्होंने कहा कि इसी तरह मुस्कान योजना भी शिशुओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों कीस्वास्थ्य संबंधी देखभाल की सुविधा उनके माता-पिता की संतुष्टि के हिसाब से प्रदान करेगी। उन्होंने भारतीय संस्कृति में मातृत्व की संस्था को दिए गए महत्व पर जोर देने के लिए रामायण की पंक्ति“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदापि गरियसी” का हवाला दिया।

इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, अतिरिक्त सचिव एवं एनएचएम के मिशन निदेशक श्री विकास शील एवंसंयुक्त सचिव (नीति) श्री विशाल चौहानभी उपस्थित थे।

इस अवसर पर भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको ऑफरिन इन्स्थे,  विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय में एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं से संबद्ध डॉ. इरिना पपीवा, फर्नांडीज फाउंडेशन की चेयरपर्सनडॉ. इविता फर्नांडीज,जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय में वरिष्ठ वैज्ञानिकडॉ. अनीता शेत, एम्स भोपालऔर एम्स जम्मू के अध्यक्षडॉ. वाई.के. गुप्ता एवं सीक्योरमी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक-निदेशकश्री तरुण गोयलने भी अपने विचारों एवं दृष्टिकोणको साझा किया।

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