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केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने 19 राज्‍यों के साथ कोविड-19 टीकाकरण की समीक्षा की

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने सभी प्रमुख राज्‍यों के प्रधान सचिवों तथा मिशन निदेशकों (राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन) के साथ परस्‍पर बातचीत की और इन राज्‍यों में कोविड-19 टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की। उन्‍होंने रेखांकित किया कि भारत की कोविड-19 टीकाकरण यात्रा में तात्‍कालिक ऐतिहासिक उपलब्धि 100 करोड़ टीका लगाना है। भारत में अभी तक 94 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं।

श्री मंडाविया ने कहा कि त्‍योहार आमतौर पर शुभता, आनंद और बड़े जन समूहों के पर्याय होते हैं और अगर कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ये नहीं मनाए गए तो कोविड-19 की रोकथाम की प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है। उन्‍होंने कहा कि ‘दोहरा समाधान यही है कि कोविड प्रोटोकॉल का बहुत सख्‍ती से अनुपालन किया जाए और टीकाकरण की गति में तेजी लाई जाए।’ उन्‍होंने उन प्रयोगों के परिणामों को संदर्भित किया जिनमें अनुमान लगाया गया था कि टीका की पहली खुराक प्राप्‍त करने वालों में गंभीर रूप से कोविड-19 का शिकार न बनने वालों की संख्‍या 96 प्रतिशत है और उन्‍होंने यह भी बताया कि ऐसे लोगों में यह बढ़कर लगभग 98 प्रतिशत पहुंच जाता है, जिन्‍होंने टीके की दोनों खुराकें ली हैं।

यह देखते हुए कि राज्‍यों के पास आठ करोड़ से अधिक टीके शेष हैं, उन्‍होंने राज्‍यों द्वारा टीकाकरण की गति तथा लक्षित आबादी के बीच टीकाकरण कवरेज बढ़ाने की राह में आने वाली विशिष्‍ट बाधाओं के बारे में पूछताछ की। कई राज्‍य शहरी क्षेत्रों में कवरेज की पूर्णता के निकट पहुंच रहे हैं और वे नगर में चलायमान आबादी की मांगों को भी पूरा कर रहे हैं। इसी प्रकार, भौगोलिक रूप से कुछ अलग पड़ चुके क्षेत्रों में कड़ी मेहनत और अधिक समय लगाकर प्रत्‍येक दरवाजे पर जाकर टीकाकरण किया जा रहा है, जहां पहली खुराक का कवरेज लगभग पूरा होने के निकट है। सामूहिक टीकाकरण अभियान आरंभ करने वाले उत्‍तर प्रदेश जैसे राज्‍यों ने तुलनात्‍मक रूप से कोवैक्‍सीन की सीमित आपूर्ति तथा दो खुराकों के बीच कम समय अवधि को टीकाकरण की गति बढ़ाने में अवरोध का कारण बताया।

राज्‍यों के परामर्श से, मंत्री ने प्रत्‍येक राज्‍य को अपने लक्ष्‍य में वृद्धि करने की अपील की जिससे कि अगले कुछ दिनों में 100 करोड़ की संख्‍या तक पहुंचने के लिए अंतिम छह करोड़ खुराकें लगाई जा सके।

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव श्री राजेश भूषण ने सभी राज्‍यों के स्‍वास्‍थ्‍य प्रशासकों से त्‍यौहारों के दौरान कोविड उपयुक्‍त बर्ताव (सीएबी) का पालन करने के संबंध में सख्‍ती बरतने की अपील की, जिससे कि कोविड-19 के प्रकोप को रोका जा सके। उन्‍होंने राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए विस्‍तृत एसओपी का पालन करने की आवश्‍यकता रेखांकित की, जिन्‍हें 21 सितम्‍बर, 2021 को मंत्रालय के पत्र के माध्‍यम से जारी किया गया था।

राज्‍यों को अब तक निम्‍न‍लिखित दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं और बैठक में उन्‍हें दोहराया गया :

  • कन्‍टेनमेंट जोन के रूप में पहचाने गए क्षेत्रों तथा पांच प्रतिशत से अधिक मामलों की रिपोर्ट करने वाले जिलों में कोई सामूहिक सभा नहीं।
  • पांच प्रतिशत और उससे कम पॉजीटिव दर वाले जिलों में अग्रिम अनुमति तथा सीमित लोगों (स्‍थानीय संदर्भ के अनुसार) सभा की अनुमति दी जाएगी।
  • साप्‍ताहिक मामले की पॉजीटिविटी के आधार पर छूट और प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
  • राज्‍य किसी भी आरंभिक चेतावनी की पहचान करने के लिए सभी जिलों में प्रतिदिन मामलों पर करीबी नजर रखेंगे तथा उसी के अनुरूप प्रतिबंध और कोविड उपयुक्‍त बर्ताव का पालन सुनिश्चित करेंगे।
  • लोगों के कहीं आने-जाने और आपस में मिलने-जुलने को सख्‍ती से निरुत्‍साहित किया जाएगा।
  • ‘ऑनलाइन दर्शन’ तथा वर्चुअल समारोह के प्रावधान को प्रोत्‍साहित किया जाएगा।
  • पुतला दहन, दुर्गा पूजा पंडाल, डांडिया, गरबा, छठ पूजा, जैसे सभी अनुष्‍ठान प्रतीकात्‍मक होने चाहिए।
  • सभाओं/जुलूसों में भाग लेने के लिए लोगों की संख्‍या संबंधी नियम होने चाहिए।
  • पूजा के स्‍थानों पर अलग प्रवेश तथा निकास बिन्‍दु होने चाहिए तथा प्रार्थना के लिए एक ही चटाई, प्रसाद वितरण, पवित्र चल का छिड़काव आदि से बचना चाहिए।

बैठक में राज्‍यों को प्रदान किए गए आपातकालीन कोविड रिस्‍पोंस पैकेज (ईसीआरपी)-II वित्‍तीय संसाधनों के त्‍वरित उपयोग पर भी चर्चा की गई।

बैठक में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्‍तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्‍थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि  राज्यों ने भाग लिया।

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