देश-विदेश

केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू और कश्मीर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोविड प्रबंधन की समीक्षा की

केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कल आपात बैठक में जनता द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों के समाधान का जायजा लेने के लिए आज सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू में बैठक की। उन्होंने कठुआ, राजौरी और डोडा के साथ ही शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस), सौरा, कश्मीर सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में कोविड प्रबंधन की समीक्षा भी की।

बैठक के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह को जीएमसी जम्मू की प्राचार्य डॉ. शशि सूदन शर्मा ने बताया कि कल जारी निर्देशों के क्रम में, ऑक्सीजन और वेंटिलेटरों के ऑडिट की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है। वहीं, प्राचार्य ने यह भी बताया कि वार्ड संबंधी कार्यों से एमबीबीएस और पीजी विद्यार्थियों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

डॉ. शशि सूदन शर्मा ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि कल जारी उनके निर्देशों का पालन करते हुए, आर एन चोपड़ा नर्सिंग होम को खाली कराना शुरू कर दिया गया है और उसके बाद डॉक्टरों के चैम्बर/ कमरों को कोविड मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम केयर के तहत वेंटिलेटर प्राप्त हो गए हैं और उन्होंने बेहद कम संभावित समय में कुछ तकनीक बदलाव के साथ उन्हें उपयोग में लाया जाएगा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/JS-1(2)OQCG.jpg

आईएएस, सचिव, कोविड केयर प्रभारी डॉ. शाहिद इकबाल जो बैठक में मौजूद रहे थे, ने बताया कि कल की बैठक में लिये गए फैसलों को सख्ती से लागू किया जा रहा है और ऑडिट के उद्देश्य से, एक अलग समिति का गठन भी कर दिया गया है।

इसके अलावा, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ के उप आयुक्त राहुल यादव, जो ऊधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र के लिए नोडल अधिकारी भी हैं, को निर्देश दिए कि उनके एमपी कोष खाते में मौजूद 2.5 करोड़ रुपये की धनराशि को उनके संसदीय क्षेत्र में ऑक्सीजन विनिर्माण संयंत्रों और अन्य कोविड संबंधी सुविधाओं की स्थापना के लिए आवंटित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, उन्होंने महामारी के चलते पैदा अप्रत्याशित संकट को देखते हुए यह फैसला लिया है, जिसके लिए हममें से हर किसी के द्वारा उपलब्ध संसाधनों का योगदान किए जाने का अनुमान है।

प्राचार्य, जीएमसी जम्मू ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि 1,200 एलपीएम क्षमता (प्रत्येक) के दो ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना जीएमसी जम्मू में की गई है। 1,000 एलपीएम का एक ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना चेस्ट और डिसीजेस हॉस्पिटल में स्थापित किया गया है। इसके अलावा, सरकारी अस्पताल, गांधी नजर में एक अन्य 1,000 एलपीएम के संयंत्र की स्थापना की गई है। साथ ही, ऑक्सीजन क्षमता बढ़ाने के लिए जीएमसी जम्मू में दो अतिरिक्त संयंत्र लगाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन सिलिंडरों के बफर स्टॉक के संबंध में, डॉ. सिंह को बताया गया कि जीएमसी जम्मू में वर्तमान में 400 सिलिंडरों का बफर स्टॉक है।

केन्द्रीय मंत्री जम्मू व कश्मीर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और एसकेआईएमएस, श्रीनगर के विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जीएमसी जम्मू में ऑक्सीजन सिलिंडरों और वेंटिलेटरों का ऑडिट करने से जुड़े फैसले के बारे में जानकारी ली।

बैठक में संबोधन के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू व कश्मीर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों द्वारा अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशासन के साथ भागीदारी से प्रभावित नजर आए। इससे क्षेत्र में वेंटिलेटरों और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने फिर से जोर देकर कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडरों और वेंटिलेटरों का ऑडिट जरूर होना चाहिए और गंभीर मरीजों के संकट के समय व लोगों के संदेह को दूर करने लिए समान वितरण के उद्देश्य से इसका प्रकाशन किया जाना चाहिए।

केन्द्रीय मंत्री ने सलाह दी कि जीएमसी, अन्य संबंधित अस्पतालों और एनजीओ से परास्नातक और स्नातक के अंतिम वर्ष के मेडिसिन के विद्यार्थियों को जोड़ा जाना चाहिए और इस महामारी में सहयोग व मानव संसाधन की कमी की समस्या को दूर करने के लिए सामाजिक स्वयंसेवकों को भी जोड़ा जा सकता है।

बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर दिया कि ऑक्सीजन संयंत्रों या वेंटिलेटरों के उपयोग के संबंध में जब भी तकनीकी दिक्कत आए तो तत्काल संबंधित अधिकारियों या सीधे उन्हें इसकी सूचना दी जानी चाहिए, जिससे अनुभवी मैकेनिकल इंजीनियरों, बायोमेडिकल इंजीनियरों या अन्य तकनीक कर्मचारियों के इस्तेमाल इसका समाधान किया जा सके।

जीएमसी, श्रीनगर की प्राचार्य डॉ. समिया राशिद ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि अभी तक सब कुछ नियंत्रण में है, यहां तक अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज, ज्यादातर युवा, कभी कभार दोहरे निमोनिया से पीड़ित लोग अस्पताल में भर्ती के लिए आते हैं, तब भी समस्या नहीं हो रही है। जीएमसी श्रीनगर और अन्य संबंधित अस्पतालों में कोविड मरीजों के सुधार की दर संतोषजनक है, क्योंकि यहां पर ऑक्सीजन या वेंटिलेटरों की कोई कमी नहीं है। ऑक्सीजन संयंत्र पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और कई की जल्द स्थापना होने वाली है।

जीएमसी डोडा के प्राचार्य, डॉ. दिनेश कुमार ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी बताया कि अभी तक 270 कोविड बिस्तर उपलब्ध हैं और सिर्फ 30-40 मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत है, क्योंकि यहां पर कोविड मरीजों की सुधार की दर खासी ज्यादा है। ऑक्सीजन या वेंटिलेटरों की कोई कमी नहीं है, क्योंकि 750 एलपीएम का ऑक्सीजन संयंत्र हाल में स्थापित किया गया है।

जीएमसी कठुआ के प्राचार्य ने जीएमसी में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र में तकनीक व्यवधान आने की सूचना पर समय से कदम उठाने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार प्रकट किया। डॉ. जितेंद्र सिंह के समय से दखल के बाद आपूर्ति शुरू हो गई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्राचार्यों को यह भी बताया कि बाहर एक आत्म विश्वास बढ़ाने वाला संदेश जाना चाहिए और यह स्पष्ट रूप से जीएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऑक्सीजन की अनुपलब्धता से कोई मौत न हो।

डॉ. सिंह ने भरोसा दिलाया कि केन्द्र सरकार यूटी प्रशासन को हर संभंव सहयोग देने और जरूरत पड़ने पर उनकी हर मांग पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे जीवन की रक्षा हो सके और यूटी की स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार हो सके।

जनजातीय सचिव और कोविड-19 शमन प्रभारी डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने जम्मू क्षेत्र में ऑक्सीजन संयंत्रों और कोविड 19 बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी का ब्योरा देते हुए केन्द्रीय मंत्री को बताया कि जीएमसी डोडा के लिए 3000 एलपीएम ऑक्सीजन संयंत्र को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें 750 एलपीएम का ऑक्सीजन संयंत्र निर्माणाधीन है। जीएमसी कठुआ के लिए स्वीकृत 3000 एलपीएम के संयंत्र में 2250 एलपीएम की स्थापना हो चुकी है। जिला अस्पताल रियासी में 1200 एलपीएम के स्वीकृत संयंत्र में से 1000 एलपीएम की स्थापना हो चुकी है, रामबन में 1500 एलपीएम स्वीकृत संयंत्र में से 1000 एलपीएम के लिए मशीनरी प्राप्त हो गई है और अतिरिक्त 500 एलपीएम के लिए एलओआई जारी कर दिया गया है, ऊधमपुर में 3000 एलपीएम के स्वीकृत संयंत्र में से 1000 एलपीएम की स्थापना जल्द हो जाएगी और अन्य 2000 एलपीएम के लिए एलओआई जारी कर दिया गया है। किश्तवार में 1500 एलपीएम के लिए एलओआई जारी कर दिया गया है। इसी प्रकार, पुंछ, मंडी, किश्तवार और राजौरी के लिए आशय पत्र (एलओआई) जारी कर दिया गया है। कोविड 19 बिस्तरों के बारे में, केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू प्रदेश मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों की कोविड 19 बिस्तर क्षमता 5417 है, जिनमें से 3,243 ऑक्सीजन से युक्त हैं।

Related Articles

Back to top button