यूपी के सीएम योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट पंच तत्व में हुए विलीन, बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि
ऋषिकेश: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट जिनका सोमवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था उनका अंतिम संस्कार आज उत्तराखंड के ऋषिकेश के फूलचट्टी में गंगा घाट पर आज सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर पूरे विधि विधान के साथ किया गया, उनके बड़े बेटे मानवेंद्र सिंह बिष्ट ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
उनके पुत्र शैलेन्द्र सिंह व कनिष्ठ पुत्र महेंद्र सिंह सहित परिवार व गांव के लोग भी मौजूद रहे वहीं योगी आदित्यनाथ इस दौरान मौजूद नहीं रहे, इस मौके पर उन्हें उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक, धन सिंह रावत, संगठन मंत्री अजेय, उत्तर प्रदेश के एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर सौम्य श्रीवास्तव, योगी आदित्यनाथ के ओएसडी राज भूषण सिंह रावत, स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
योगी आदित्यनाथ के पिता AIIMS में थे भर्ती
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद बिष्ट का सोमवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया था।
एम्स के प्रवक्ता ने बताया कि 87 वर्षीय बिष्ट यकृत की बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित एम्स से 13 मार्च को दिल्ली स्थित एम्स के गेस्ट्रो विभाग में भर्ती कराया गया था।
Dehradun: Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat attends the wreath laying ceremony of Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath's father who passed away yesterday. The UP CM is not taking part in the last rites, to ensure enforcement of lockdown amid #Coronavirus outbreak. pic.twitter.com/FpopeHY3A6
— ANI (@ANI) April 21, 2020
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के पिता बिष्ट को आहारनली में रुकावट संबंधी गंभीर परेशानी थी। तबियत में संतोषजनक सुधार नहीं होने पर उन्हें एक अप्रैल से वेंटिलेटर पर रखा गया था। कुछ दिन पहले किडनी सहित शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों के काम करना बंद करने के बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुयी थी। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के पिता ने सोमवार सुबह लगभग पौने ग्यारह बजे अंतिम सांस ली।
सीएम योगी नहीं पहुंचे अंतिम दर्शन को
मुख्यमंत्री योगी ने एक बयान में कहा, ‘अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्य बोध के कारण ऐसा नहीं हो पाया।’
उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन को सफल बनाने और महामारी को परास्त करने की रणनीति के चलते 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में भाग नहीं ले पा रहा हूं।’
योगी ने कहा, ‘अपने पूज्य पिता जी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख व शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम एवं निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिये समर्पित भाव से साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया।’
सीएम योगी को जब पिता के निधन की खबर मिली तो ले रहे थे अहम बैठक
मुख्यमंत्री कोरोना वायरस संकट पर अधिकारियों के साथ बैठक में थे, जब उन्हें पिता के निधन की सूचना मिली। लेकिन उन्होंने कोर टीम के अधिकारियों साथ बैठक जारी रखी।
उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर ने बताया, ‘सोमवार की सुबह 10 बजे से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कोविड-19 के कोर ग्रुप के अधिकारियों की बैठक हो रही थी, उसी बीच उन्हें सूचना मिली कि उनके पिता का निधन हो गया लेकिन इसके बाद भी वह बैठक करते रहे और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने के बाद ही बैठक से उठे।’
बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोटा से उत्तर प्रदेश लौटे सभी बच्चों को घर में पृथक वास में रखना सुनिश्चित कराया जाए तथा सभी बच्चों के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कराने के बाद उनको घर भेजा जाए।
मुख्यमंत्री ने अपनी मां और सगे-संबंधियों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की और कहा कि उनके पिता की अंत्येष्टि में बहुत कम संख्या में लोग शामिल हो। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मैं लॉकडाउन खत्म होने पर जाऊंगा।’ बैठक लखनऊ में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई।
सीएम योगी की मौसी को लॉकडाउन के कारण उतराखण्ड सीमा पर रोका गया
इस बीच, प्रदेश के सहारनपुर से प्राप्त एक खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी के पिता के निधन की सूचना पर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उनके गांव जा रही उनकी मौसी को लॉकडाउन के कारण उतराखण्ड सीमा पर रोक लिया गया जिसके कारण उन्हें वापस सहारनपुर वापस लौटना पड़ा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मौसेरे भाई कवीन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि हालांकि इस बारे में जानकारी होने पर सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने वाहन की व्यवस्था करायी।