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महिला और बाल विकास मंत्री ने “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस – 2019” के अवसर पर बाल श्रमिकों का बचाव और पुनर्वास विषय पर राष्ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन किया

नई दिल्ली: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज नई दिल्ली में “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस – 2019” के अवसर पर बाल श्रमिकों के बचाव और उनके पुनर्वास के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर राष्‍ट्रीय परामर्श कार्यशाला का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया था। इस सम्‍मेलन में श्रम और रोजगार विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, खान और भूविज्ञान विभाग, कानूनी मामले विभाग और राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) के वरिष्ठ अधिकारी तथा सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए महिला और बाल विकास मंत्री ने एनसीपीसीआर, महिला और बाल विकास तथा रेल मंत्रालय द्वारा बच्चों के बचाव और पुनर्वास के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने बाल श्रम के मुद्दे पर समाज को संवेदनशील बनाने में विभिन्न राज्य सरकारों की भूमिका की भी प्रशंसा की। मंत्री महोदया ने कहा कि बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) को मजबूत करने और जिला नोडल अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने की आवश्यकता है। श्रीमती स्मृति ईरानी ने सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बचाए गए बच्चे को स्वस्थ वातावरण मिले और उसे दोबारा बाल मजदूरी के लिए मजबूर नहीं किया जाए। मंत्री महोदया ने कहा कि बाल श्रम जैसे कलंक को तभी मिटाया जा सकता है जब ‘बाल श्रम’ के खिलाफ लड़ाई एक जन आंदोलन या लोगों का आंदोलन बन जाए। उन्‍होंने  आरडब्ल्यूए और बाजार संघों जैसी आस-पास की संस्थाओं से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा, ‘एक बच्चे को नौकरी पर रखना सामाजिक शर्म की बात होनी चाहिए’।

कार्यशाला के दौरान एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के लिए परामर्श एक सही कदम है। इससे बच्चों के बचाव और उनके  पुनर्वास की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि एसओपी विधायी संमिलन तैयार करने में मदद करेगा।

बाल श्रम में लगे बच्चों के बचाव और उनके पुनर्वास से जुड़ी एजेंसियों और बच्चों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एनसीपीसीआर “बाल मजदूरों के बचाव और पुनर्वास” पर एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित कर रहा है। महिला और बाल विकास मंत्रालय बच्चों के समग्र विकास के लिए अनुकूल समाज तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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