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अब एक रसोई से तैयार होगा जिलेभर का मिड डे मील

देहरादून : चार जिलों में स्कूली बच्चों के लिए मिड डे मील के लिए चार केंद्रीयकृत रसोईघरों के लिए जमीन जुटाने में जिलों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। पिछले कई दिनों से जारी मशक्कत के बाद सिर्फ ऊधमसिंह नगर जिले में ही भूमि चिह्नित हो पाई है। भूमि चिह्नीकरण में देरी से नई व्यवस्था लागू होने में देरी हो सकती है। केंद्रीयकृत रसोईघरों के निर्माण को 80.23 करोड़ की राशि अक्षय पात्र फाउंडेशन को दी जाएगी।

राज्‍य मंत्रिमंडल ने चार जिलों देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में कक्षा एक से आठवीं तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए मिड डे मील बनाने का जिम्मा अक्षय पात्र फाउंडेशन को सौंपने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। दो जिलों देहरादून व नैनीताल के सिर्फ मैदानी क्षेत्रों के विद्यालयों को ही नई योजना का हिस्सा बनाया गया है।

इसके लिए उक्त संस्था को हर जिले में दो से ढाई एकड़ जमीन मुहैया कराई जाएगी। चार जिलों के जिलाधिकारियों को भूमि चिह्नीकरण के निर्देश दिए जा चुके हैं। भूमि की किल्लत से जूझ रहे जिलों को फिलहाल काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अभी तक सिर्फ एक जिले ऊधमसिंह नगर में ही भूमि का चयन हो पाया है। शेष तीन जिलों में इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

30 वर्ष के लिए पट्टे पर भूमि

मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक रूप से तय किया है कि उक्त संस्था को 30 वर्ष के लिए प्रति एकड़ एक हजार रुपये की दर से पट्टे पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। फाउंडेशन देश के 12 राज्यों में 29 केंद्रीय रसोईघरों के माध्यम से 16.26 लाख स्कूली बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करा रही है। देहरादून जिले के 901 विद्यालयों के 61431, हरिद्वार जिले के 1049 विद्यालयों के 1,45,431, ऊधमसिंह नगर जिले के 1236 विद्यालयों के 121926 और नैनीताल जिले के 533 विद्यालयों के 30,647 छात्र-छात्राओं के लिए उक्त  फाउंडेशन की ओर से मिड डे मील तैयार किया जाएगा।

इसके लिए हर जिले में एक केंद्रीयकृत रसोईघर बनना है। खास बात ये है कि चारों जिलों में रसोईघरों को बनाने के लिए 80.23 करोड़ की राशि फाउंडेशन को दी जाएगी। राज्य सरकार यह राशि कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत फाउंडेशन को मुहैया कराएगी। इसके लिए फाउंडेशन और प्रारंभिक शिक्षा महकमे के बीच राज्य व जिला स्तर पर सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

विपक्ष पर बरसे शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि उक्त संस्था काफी कम लागत पर पौष्टिक व साफ-सुथरा भोजन छात्र-छात्राओं को मुहैया कराएगी। उधर, विपक्ष की ओर से अक्षय पात्र फाउंडेशन को मिड डे मील का जिम्मा सौंपने पर उठाए जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से शिक्षकों को पठन-पाठन के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा। मिड डे मील के कार्य में उनका वक्त जाया नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष यदि उक्त संस्था से कम लागत पर मिड डे मील मुहैया कराने के लिए किसी संस्था का नाम सुझाएगा तो इस पर गंभीरता से विचार होगा।

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