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अवैध झुग्गियों पर एक्शन, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

चेन्नई: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में अवैध झुग्गियों को तोड़े जाने के विरोध में कन्नैयन नाम के एक व्यक्ति ने खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद सीएम स्टालिन ने कन्नैयन के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रुकेगी.

इस मामले में वहां विरोध और राजनीति शुरू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई रोकने से इनकार करते हुए कहा, हमारे आदेशों के अनुरूप अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोके जाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
बता दें कि चेन्नई में जब अधिकारी बकिंघम नहर के पास गोविंदसामी नगर में अवैध झुग्गियों को हटाने गए थे तो इस कार्रवाई का विरोध करते हुए 60 साल के कन्नैयन ने सभी के सामने खुद का आग लगा ली थी. इसके बाद अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच हाथापाई भी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप तोड़फोड़ अभियान को रोक दिया गया था.
जल संसाधन विभाग ने यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई से एक दिन पहले की थी. वहां के निवासियों ने इसकी शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि तोड़फोड़ की यह कार्रवाई तमिलनाडु सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का पालन किए बिना हो रही है.
जिस इलाके में यह कार्रवाई की जा रही थी वहां के निवासियों ने सेमेनचेरी या पेरुम्बक्कम में घर देने की जगह किसी अच्छी जगह की मांग की थी, क्योंकि जिन दो इलाकों का उन्हें विकल्प दिया गया था वो शहर से काफी दूर है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आदेश के बाद कार्रवाई को नहीं रोकेंगे
वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने चेन्नई में 100 झुग्गी बस्तियों को तोड़े जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जहां इन्हें जगह दी जा रही है वो इलाका बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. इसलिए इस पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए.
इस पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा, हम कल (मंगलवार) इस पर सुनवाई करेंगे लेकिन हम कोई कार्रवाई नहीं रोक रहे हैं. हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि अधिकारी हमारे आदेशों के अनुसार कार्रवाई नहीं करेंगे. अगर हमें लगता है कि दिए गए आदेश में हमारे हस्तक्षेप की आवश्यकता है तो हम देखेंगे.
कॉलीवुड के निर्देशक और दलित अधिकार कार्यकर्ता पा रंजीत ने इसे चेन्नई के लोगों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई बताया. उन्होंने ट्वीट में कहा, ”क्या कोर्ट का आदेश इन लोगों पर लागू होता है? क्या उन्हें शहर से हटाने की एकमात्र योजना है? तमिलनाडु सरकार कब इन लोगों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान करेगी?”
वहीं पीएमके नेता रामदास ने इस कार्रवाई की निंदा की और दावा किया कि कन्नैयन के आत्मदाह के प्रयास के बारे में सुनकर वह स्तब्ध थे. रामदास ने लोगों को झुग्गियों से हटाए जाने के अभियान को तुरंत रोकने की मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, “उनके घरों को अतिक्रमण कहकर गिराना मानवाधिकारों का उल्लंघन है.”

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