उत्तर प्रदेश

अस्पताल वाले इमरजेंसी केस में ढाई घंटे करते रहे पूछताछ, महिला की मौत

लखनऊ। लखनऊ के हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में एक महिला मरीज की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप है कि महिला की हालत गंभीर थी। फिर भी ढाई घंटे तक केवल पूछताछ की गई, इसी बीच उसने दम तोड़ दिया। तीमारदारों का आरोप है कि ड्यूटी डॉक्टर ने उनके साथ अभद्रता भी की।

सुल्तानपुर निवासी 65 वर्षीय कमला देवी को टीबी की बीमारी थी। उन्हें सुल्तानपुर जिला अस्पताल से रेफर किया गया था। तीमारदार राजकुमारी ने बताया कि सोमवार दोपहर दो बजे अस्पताल की कार्डियोलॉजी में मरीज को लेकर गये। वहां मौजूद डॉ. संतोष ने उन्हें इमरजेंसी भेज दिया। जहां आधे घंटे तक कोई डॉक्टर नहीं था।

इसके बाद इएमओ आये। लगभग पौन घंटे तक वो तीमारदारों से केवल पूछताछ करते रहे, जब राजकुमारी ने उन्हें इलाज शुरू करने को कहा तो उन्होंने वार्ड ब्वॉय से ग्लूकोज चढ़ाने को कह दिया। जिस पर तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया कि बिना किसी चेकअप के ग्लूकोज क्यों लगवाया जाए जब उन्हें सांस तक नहीं ली जा रही है, उन्हें ऑक्सीजन लगाई जाए।

हंगामा बढ़ने पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे भी इमरजेंसी में आ गये। तब तक महिला की मौत हो गई। हंगामे के बीच पुलिस को बुलाकर बॉडी तीमारदारों को सौंप दिया गया। वहीं तीमारदारों का आरोप है कि पुलिस और चिकित्सा अधीक्षक के जाने के बाद इएमओ ने उनके साथ गालीगलौज और जमकर अभद्रता की।

शिकायत करें जांच होगी: सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आशुतोष दुबे कहते हैं, मरीज को टीबी की शिकायत थी, गंभीर हालत में लाई गई थी। वो आइसीयू से इमरजेंसी भेजी गई थी। जब तक उसे भर्ती किया जाता, महिला की मौत हो गई। अगर तीमारदारों को लगता है कि इलाज में लापरवाही की गई है तो लिखित शिकायत करें, जांच होगी।

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