आगरा में ताज के साये में फिर जवां हुई मोहब्बत
आगरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद ताजनगरी आगरा में ताज के साये में फिर से मोहब्बत जवां हो रही है। धवल संगमरमरी ताज को दुनिया के कोने-कोने से आने वाले सैलानी मोहब्बत की ऐसी अनमोल निशानी मानते हैं, जिसके जर्रे-जर्रे में प्रेम का पैगाम छिपा है।
जर्मनी के बर्लिन से आए दंपती ऐसी ही सोच रखते हैं। जर्मन दंपती ने कल ताज के साये में आर्य समाज के रीति-रिवाजों से शादी कर अपनी सालगिरह की 40वीं वर्षगांठ को यादगार बनाया।
इन दिनों ताजमहल देश भर में चर्चा में है। नेताओं के विवादित बयानों के दौर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ताज का दीदार कर शांत करने की कोशिश की है। कल ताज अपनी छवि के अनुरूप मोहब्बत के यादगार पलों का फिर साक्षी बना। बर्लिन (जर्मनी) से आए कपल कस्र्टन व क्रिश्चियन ने अपनी शादी की 40वीं वर्षगांठ के लिए इसे चुना। पेशे से आइटी विशेषज्ञ कस्र्टन और शिक्षक क्रिश्चियन अपने मित्रों के साथ परसों को ही आगरा आ गए थे।
कल ताजगंज स्थित होटल कमल में रूफटॉप पर ताज के साये में आर्य समाज पद्धति से शादी रचाई। पं. राकेश तिवारी ने मंत्रोच्चारण किया। शहनाई की गूंज के बीच कस्र्टन और क्रिश्चियन ने एक-दूसरे को मालाएं पहनाईं। मेहमानों ने उन्हें गिफ्ट दिए। इस शादी के साक्षी जर्मनी से आए इतिहासकार कांस्टेंटाइन, ब्रज खंडेलवाल और संदीप अरोड़ा बने।
कस्र्टन का कहना था कि ताज मोहब्बत की निशानी है। उनकी शादी की 40वीं वर्षगांठ के लिए इससे बेहतर जगह नहीं हो सकती थी, इसीलिए उन्होंने इस स्थान को चुना।
वहीं, क्रिश्चियन ने बताया कि यह लम्हा उनके लिए जिंदगी का सबसे बेहतर पल बन गया है। वेडिंग एनिवर्सरी पर इससे बेहतर तोहफा नहीं हो सकता था।