आजम खां ने कहा, लाल किला के साथ राष्ट्रपति भवन व संसद भवन भी गुलामी की निशानी
लखनऊ ताजनगरी आगरा के ताजमहल पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सिंह सोम के साथ AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैशी के बयान के बाद अब आजम खां ने आग उगली है। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां ने सिर्फ ताजमहल ही नहीं बल्कि दिल्ली के लाल किला व कुतुबमीनार को भी गुलामी की निशानी बताया है।
भाजपा विधायक संगीत सोम के मुगलों के इतिहास को मिटाने वाले बयान पर असदुद्दीन ओवैशी के पटलवार के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने भी भाजपा नेता संगीत सोम को निशाने पर लिया है। आजम खां ने ताजमहल को गुलामी की निशाने बताए जाने पर संगीत सोम पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अब तक गुलामी की निशानियों को ना मिटाना राजनीतिक नपुंसकता है।
उन्होंने कहा कि देश में मौजूद उन सभी इमारतों को गिरा देना चाहिए जिनसे कल के शासकों की बू आती है। मैंने तो पहले भी कहा कि सिर्फ ताजमहल ही क्यों संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, लाल किला व कुतुब मीनार सब को गिरा देना चहिए।
आजम खान ने संगीत सोम का नाम लिए बिना कहा कि मैं किसी को जवाब नहीं दे रहा हूं क्योंकि गोश्त के कारखाने चलाने वालों को राय देने का अधिकार नहीं। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ही अब फैसला करेंगे लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि उन सभी इमारतों को गिरा देना चाहिए जिनसे कल के शासकों की बू आती है। उन्होंने कहा कि हम तो बादशाह से अपील करते हैं। छोटे बादशाह से तो हमने कहा कि आप आगे चलो हम साथ चलेंगे। पहला फावड़ा आपका होगा दूसरा हमारा होगा। इतना कुछ कहने के कदम पीछे हटा लेना राजनीतिक नपुंसकता है।
मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा बताया था। उन्होंने कहा था कि हम किस इतिहास के बारे में बात कर रहे हैं। ताजमहल के निर्माता (शाहजहां) ने अपने पिता को कैद कर दिया था।
वह हिंदुओं को समाप्त करना चाहता था। यदि ये लोग हमारे इतिहास का हिस्सा हैं, तो यह हमारे लिए बहुत दुख की बात है और हम इस इतिहास को बदल देंगे। इस दौरान उन्होंने गलत तथ्य जनता के सामने रखे, संगीत सोम को शायद ये नहीं पता था कि शांहजहां नहीं बल्कि औरंगजेब ने अपने पिता को कैद किया था।