राजनीति

उत्तराखंड कांग्रेस में अंतर्कलह तेज, किशोर ने खड़े किए सवाल

देहरादून : राज्य में करारी हार से पस्त कांग्रेस के सामने जब संगठन को मजबूत करने के लिए एकजुट होने की चुनौती है, ऐसे में पार्टी में अंतर्कलह तेज हो गया है। वर्चस्व की जंग में ज्यादा रुचि ले रहे दिग्गज नेता एकदूसरे को पटखनी देने और निशाने पर लेने का मौका नहीं चूक रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुखिया किशोर उपाध्याय ने गाहे-बगाहे हो रही अपनी उपेक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ‘दावतों’ को निशाने पर लेकर गुटीय खींचतान को सतह पर ला दिया है।

कांग्रेस के लिए राज्य में हार के बाद खुद को संभालना भारी पड़ रहा है। हार की टीस ने पार्टी के भीतर कभी एकदूसरे के करीबी समझे जाने वाले नेताओं को भी आमने-सामने ला खड़ा किया है। पार्टी में नए सिरे से वजूद की लड़ाई शुरू हो चुकी है। इस लड़ाई में शह और मात के खेल में बाजी भले ही किसी के भी हाथ लगे, लेकिन संगठन के मनोबल पर इसके असर को लेकर कार्यकर्ताओं के माथे पर बल जरूर पड़ गए हैं।

बीते रोज यूपीए की राष्ट्रपति की उम्मीदवार मीरा कुमार के दून आगमन के मौके पर पहले आमंत्रण की सूचना नहीं देने, फिर विधायकों व सांसदों की बैठक में भीतर जाने से रोके जाने और इसके बाद बैठक में वरिष्ठ नेताओं के उपेक्षित व्यवहार से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय खफा हो गए थे।

किशोर की नाराजगी अभी बरकरार है। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में किशोर अपना दर्द छिपा नहीं सके। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें अपमानित कर कांग्रेस मजबूत होती है तो उन्हें ये भी मंजूर है।

किशोर यही नहीं रुके, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ‘दावतों’ पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इतनी बुरी हार के बावजूद इसतरह की पार्टी का कोई मतलब नहीं है। जब घर में बुरा हुआ तो कोई जश्न नहीं मनाता। खुद उन्होंने भी हार के चलते अपनी बेटी का जन्मदिन नहीं मनाया। उत्सव मनाने और दावत के लिए धैर्य रखना चाहिए। ऐसा वक्त जब आएगा तो यह भी होगा।

किशोर की इस तल्खी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ उनकी बढ़ती दूरी और पार्टी में हाशिये पर धकेलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। संगठन के पूर्व मुखिया की सरकार के पूर्व मुखिया पर टिप्पणी के सियासी गलियारों में कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। अलबत्ता, यह तय हो गया है कि विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बड़ी टूट झेल चुकी कांग्रेस ने हार के बाद भी सबक नहीं लिया है।

किशोर और रावत ही जानें: प्रीतम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की टिप्पणियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि किसी का अपमान कांग्रेस की परंपरा नहीं रही है।

उन्होंने कहा कि मीरा कुमार के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित करने के लिए उन्होंने अपने कार्यालय को कहा था। किशोर उपाध्याय को सूचना क्यों नहीं मिली, उन्हें नहीं पता। बड़े नेताओं को पार्टी फोरम पर अपनी बात कहनी चाहिए, अन्यथा अनुशासन का पाठ सिर्फ कार्यकर्ताओं को ही पढ़ाने के लिए नहीं है।

पूर्व सीएम हरीश रावत की दावतों पर किशोर की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि आम, काफल और हरेला की दावतों पर हर्ज ही क्या है। बाकी किशोर उपाध्याय और हरीश रावत के बीच क्या है, वे दोनों ही बेहतर जान सकते हैं।

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