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उत्तराखंड में 111 संपर्क मार्ग बंद, भोजवासा में फंसे कांवड़िए

देहरादून : उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में, जहां 111 संपर्क मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बंद हैं। इसके चलते ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। चारधाम यात्रा मार्गों के बंद होने और खुलने का सिलसिला जारी है। हालांकि, यात्रा सुचारू है। पिथौरागढ़ जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में छह भवनों को नुकसान पहुंचा है।

राज्यभर में नदी-नाले उफान पर हैं और इनका वेग भयभीत कर रहा है। भागीरथी, काली, गोरी, रामगंगा, सरयू नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर इनके किनारे के क्षेत्रों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। उधर, मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।

उत्तराखंड में वर्षा का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। सोमवार से कहीं हल्की तो कहीं झमाझम बौछारें पड़ीं। बारिश से मैदानी क्षेत्रों को तो गर्मी से राहत मिली, लेकिन पहाड़ में दिक्कतें बढ़ गई हैं।

उतरकाशी में गोमुख ट्रैक मार्ग भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, भोजवासा में भारी बारिश से तीन पुलिया बह गईं। प्रशासन के अनुसार गोमुख ट्रैक पर 72 कांवडिये फंसे हुए थे। साथ ही जिला प्रशासन और गंगोत्री नेशनल पार्क ने गोमुख जाने पर रोक लगा दी है। जिला आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि 150 कांवडिये सोमवार को गोमुख गए थे। जिनमें कुछ कांवडिये सोमवार शाम तक गंगोत्री लौट आए थे। 72 कांवडिये भोजवासा में ठहरे हुए थे। सोमवार रात को बारिश होने चीडवासा के नाले में पानी बढ़ा और अस्थायी पुलिया बही। पुलिया बहने की सूचना पर एसडीआरएफ व गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम पहुँची। सभी को निकाल दिया गया है।

हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जनपदों को छोड़कर सभी जिलों में पर्वतीय क्षेत्रों में संपर्क मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़ व चमोली में 20-20, रुद्रप्रयाग में 19, देहरादून में 12, पौड़ी में 10, टिहरी में नौ, बागेश्वर में छह, चंपावत में पांच, उत्तरकाशी में चार, अल्मोड़ा व नैनीताल में तीन-तीन संपर्क मार्ग बंद रहने से इनसे जुड़े गांव अलग-थल पड़े हैं।

वहीं, पिथौरागढ़ जिले धारचूला व मुनस्यारी तहसील क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। इससे अलग-अलग गांवों में छह घरों को नुकसान पहुंचा।

  • संपादक कविन्द्र पयाल

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