राजनीति

उत्तराखंड 15वें वित्त आयोग से मांगेगा और ज्यादा मदद

राज्य की भाजपा सरकार ढांचागत विकास को मजबूत करने की मुहिम में शिद्दत से जुटने जा रही है। आमदनी के सीमित संसाधनों से जूझ रहे उत्तराखंड की उम्मीदें अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार पर टिकी हैं। लिहाजा 15वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य अपने बुनियादी विकास को अधिक मदद लेने को पुरजोर पैरवी करेगा। चार धाम ऑल वेदर रोड और नमामि गंगे योजना के पहले चरण में मिलने वाली केंद्रीय मदद से उत्साहित सरकार का फोकस अब सड़क, पेयजल, ऊर्जा, हवाई पट्टियों के विकास के लिए केंद्र सरकार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से ज्यादा मदद हासिल करने पर है।

आमदनी के सीमित स्रोत, गैर विकास मदों पर बढ़ते खर्च का बोझ और विषम भौगोलिक क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक विकास कार्यों की ज्यादा लागत उत्तराखंड में विकास कार्यों की रफ्तार पर असर डाल रही है। ढांचागत सुविधाओं की हालत लचर होने का असर संसाधनों पर भी पड़ रहा है। आमदनी के स्रोत बढ़ाने में सरकार के दम फूल रहे हैं। लिहाजा इस चुनौती से निपटने के लिए राज्य की भाजपा सरकार डबल इंजन के दम का इस्तेमाल करने जा रही है। इसके तहत केंद्रीय मदद के नियोजित इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। चार धाम ऑल वेदर रोड और नमामि गंगे जैसी सौ फीसद केंद्रीय सहायता वाली योजनाओं से राज्य सरकार बदलाव का बड़ा आधार तैयार होने की उम्मीदें संजोए बैठी है।

बुनियादी विकास पर जोर देने के लिए ही 15वें वित्त आयोग में भी पैरवी की जाएगी। इससे पहले 14वें वित्त आयोग की सिफारिश से राज्य को कर राजस्व में तो लाभ हुआ, लेकिन एकमुश्त केंद्रीय मदद के तौर पर मिलने वाली ब्लॉक ग्रांट्स खत्म होने से झटका भी लगा है।

13वें वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि में कटौती, सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, मिड डे मील, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान, नेशनल हेल्थ मिशन में राज्य को मिलने वाली केंद्रीय मदद बीते वर्षों में कम हुई है। राज्य सरकार का आकलन है कि उसे तकरीबन 1500 करोड़ का झटका लगा है। लिहाजा भविष्य में ढांचागत विकास पर जोर देते हुए 15वें वित्त आयोग में ठोस पैरवी की तैयारी की जा रही है।

पेयजल को 1100 करोड़ की योजना 

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि आगामी वर्षों में राज्य में अवस्थापना विकास पर पूरी तरह फोकस किया जा रहा है। इसके लिए सड़क, पेयजल, ऊर्जा, हवाई पट्टियों के विकास के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। पेयजल के लिए 1100 करोड़ की योजना को विश्व बैंक के जरिए अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की गई है। ऑल वेदर रोड, नमामि गंगे और हवाई पट्टियों के विकास से राज्य को लाभ होगा, साथ में आमदनी के संसाधन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके लिए केंद्रपोषित योजनाओं और बाह्य सहायतित योजनाओं में अधिक मदद हासिल करने पर जोर दिया गया है।

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