उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश का रहने वाला है मुंबई से पकड़ा गया आतंकी सलीम

फतेहपुर । मुंबई एयरपोर्ट पर आतंकी सलीम के एटीएस की गिरफ्त में आने के बाद जिले की पुलिस सक्रिय हो गई है। गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही पुलिस ने सलीम के पैतृक गांव बंदीपुर में पड़ताल तेज कर दी है। पुलिस अधीक्षक खुद लगातार एटीएस के संपर्क में हैं।

गुप्तचर संगठन सहित कई अधिकारियों को बंदीपुर में सलीम का ब्योरा जुटाने में लगाया गया है। अभी तक की पड़ताल में सामने आया है कि सलीम 15 वर्ष पहले गांव छोड़कर सऊदी अरब चला गया था। उसका गांव आना-जाना कम होता था।

सलीम की पत्नी नाजबीन अपने 14 साल के बेटे रेहान, उससे छोटी बेटी आठ साल की राफिया बानो के साथ इलाहाबाद के करेली में रहती है। गांव से संबंधित थाने में उसके खिलाफ कोई अभियोग दर्ज नहीं है।

सलीम की गिरफ्तारी के बाद हथगाम थाने की पुलिस टीम सीओ की अगुआई में पुख्ता जानकारी जुटाने को बंदीपुर गांव रवाना कर दी गई। सूचना एकत्र करने के लिए गांव पहुंची पुलिस टीम ग्रामीणों से सलीम के अंतिम बार आने-आने व उसकी गतिविधियों सहित कई बिंदुओं का लेखाजोखा जुटाने में लगी रही।

टीम मिलने वाली जानकारी को अफसर के संज्ञान में डालती रही। पुलिस अधीक्षक कवींद्र प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि सलीम के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

पिता की मौत पर भी गांव नहीं आया
पंद्रह साल पहले कमाने दुबई गया सलीम नौ वर्ष पहले अंतिम बार गांव बंदीपुर आया था। पांच माह पहले पिता मुकीम की मौत सूचना पर सलीम ने कहा था कि नौकरी से छुट्टी नहीं मिल पा रही है, अब्बाजान के सिपुर्द ए खाक में नहीं आ सकूंगा। पांच भाइयों के परिवार से सलीम बराबर फोन से संपर्क में रहा। वह सभी को बताता था कि वह दुबई में एक कंपनी में नौकरी कर रहा है। बाइस साल तक की उम्र में गांव की माटी में पला-बढ़ा सलीम निकाह के दो साल बाद गांव छोड़कर दुबई चला गया।

मुफलिसी में पल रहे उसके पांच भाइयों के परिवार से ज्यादा ताल्लुक तो उसका नहीं रहा, लेकिन छप्पर वाले पुश्तैनी घर को पक्का तैयार करने में उसकी ही कमाई का पैसा लगा। नौ साल पहले सलीम चार दिन के लिए गांव आया तो परिचितों से मिलने में उसका कोई रुझान नहीं रहा। ज्यादा समय घर में बिताया। गांव के बहुत से लोग जान ही नहीं पाए कि सलीम आया था।

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