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ऋषिकेश की अमिता ने लोक सेवा आयोग की वन क्षेत्राधिकारी परीक्षा में पायी सफलता

ऋषिकेश : तीर्थनगरी की एक और बेटी ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की वन क्षेत्राधिकारी परीक्षा में सफलता हासिल कर तीर्थनगरी का नाम रोशन किया है। अमिता थपलियाल ने अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है। वह चिपको आंदोलन से जुड़ी रही अपनी दादी को अपना रोल मॉडल मानती है और अब दादी की प्रेरणा से वन सेवा के जरिये जंगल और पर्यावरण को बचाने की राह पर चल पड़ी है।

ऋषिकेश में रेलवे रोड पर सिंचाई विभाग कालोनी निवासी अमिता थपलियाल मूल रूप से तपोवन जोशीमठ, चमोली गढ़वाल की रहने वाली है। अमिता के पिता दिनेश चंद्र थपलियाल सिंचाई विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं जबकि मां शकुंतला देवी घरेलू महिला है। अमिता ने बताया कि उसने पहले ही प्रयास में लोक सेवा आयोग की वन क्षेत्राधिकारी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।

उन्होंने बताया कि उनकी दादी देवेश्वरी देवी बचपन से ही उनकी रोल मॉडल रही हैं। देवेश्वरी देवी चिपको आंदोलन में गौरा देवी की सहयोगी रही हैं। उन्होंने बताया कि पढ़ाई में उनके बड़े भाई सिविल इंजीनियर आशीष थपलियाल और पिता ने उनका भरपूर सहयोग किया, जबकि सफलता का श्रेय उन्होंने विक्रमशिला आइएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर शैलेस सेमवाल को दिया।

अमिता ने बताया कि परीक्षा के लिए उन्होंने खासी तैयारी की थी, उन्होंने बताया कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है। इसके लिए लक्ष्य का निर्धारण और लगन के साथ कड़ी मेहनत जरूरी है। अमिता ने बताया कि उन्होंने पांच से छह घंटे प्रतिदिन पढ़ाई के लिए समय दिया। उन्होंने बताया कि पर्यावरण उनका पसंदीदा विषय रहा है और अब वह वन सेवा में जाकर पर्यावरण व वनों के संरक्षण को प्रयास करेंगी।

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