सेहत

ऑफिस के मग में पीते कॉफी तो दो बार सोच लें, इनमें होते हैं 90 फीसदी.

क्या आप भी ऑफिस में चाय और काफी लेते हैं तो पहले दो बार सोच लें। एक स्टडी में इस बात पर दो बार सोचने को मजबूर कर दिया है। स्टडी के अनुसार ऑफिस के मग में 90 फीसदी रोगाणु होते हैं, वहीं इन मग्स में 20 फीसदी मलीय पदार्थ होता है।

शोध की मानें तो सामुदायिक किचन होने की वजह यहां के स्पन्ज बदले नहीं जाते और यही वजह है साथ कामकरने वाले लोगों की जूठन स्पन्ज के जरिए दूसरे कपों तक फैल जाती है।  आपको बता दें कि इन मग्स में पाया जाने वाला 20 फीसदी मलीय पदार्थ में कोलीफॉर्म बैक्टेरिया पाया जाता है। इस कीटाणु की वजह से डायरिया, उल्टी, पेटदर्द और बुखार तक हो सकता है।

अमेरिका की एरिजोना यूनिवर्सिटी के डॉक्टर चार्ल्स गेरबा का कहना है कि ऑफिस के किचन की अस्वास्थ्यकर स्थिति चिंता का विषय है। ये स्थिति तब और खराब हो जाती है जब इससे पीड़ित रोगों को हैमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम जो कई बार किडनी के फेल होने का भी कारण बनता है। इसलिए डॉक्टर गेरबा अपने सहकर्मियों को सलाह देते हैं कि अपने मग्स को घर ले जाएं और डिशवॉशर में अच्छे से धोएं।

शोधकर्ताओं की टीम ने शोध के दौरान 500 बैक्टेरियल स्ट्रैन जो मानवीय त्वचा, नाक द्वारा आए थे। यहां तक कि कुर्सी और फोन पर भी काफी बैक्टेरिया पाए गए थे।

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