उत्तराखंड समाचार

ओहदे छिने, नहीं मिला बकाया; कांग्रेस खफा

देहरादून : पिछली कांग्रेस सरकार के दायित्वधारियों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और सरकार के बीच टकराव के आसार बन गए हैं। नई सरकार बनने तक कार्यरत रहे इन सरकारी ओहदेदारों को मानदेय का भुगतान भी नहीं हो सका है। इसे कांग्रेस प्रदेश संगठन ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव एस. रामास्वामी से की है। साथ ही पार्टी की ओर से इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है।

पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकारी ओहदे बांटने का ऑलटाइम सियासी रिकॉर्ड बनाया जा चुका है। तकरीबन 350 से ज्यादा दायित्वधारियों की फौज पिछली सरकार की ओर से खड़ी गई थी। आयोगों, परिषदों और अन्य संस्थाओं में अतिरिक्त पद सृजित करने के साथ ही नई परिषदें, समितियां, निगमों, सलाहकार संस्थाओं का गठन कर मंत्री व राज्यमंत्री दर्जाप्राप्त और अन्य दायित्व इफरात से बांटे गए थे।

खास बात ये है कि इससे पहले भी प्रदेश की पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी तकरीबन 200 लालबत्ती और दायित्व बांटने का मामला तूल पकड़ गया था। ये दीगर बात है कि पहली निर्वाचित सरकार की ओर से शुरू हुई परंपरा को बिल्कुल छोड़ना किसी भी सत्तारूढ़ दल के लिए मुमकिन नहीं हुआ। इसके बाद भाजपा सरकार ने भी जमकर दायित्व बांटे। हालांकि, इनकी संख्या पिछली सरकार की तुलना में कम ही रही। अब पिछली कांग्रेस सरकार में रेवड़ियों की तरह बांटे गए दायित्वों का विवाद ठंडे बस्ते से बाहर निकल गया है।

प्रदेश में नई भाजपा सरकार बनते ही पिछली सरकार के अधिकतर सरकारी ओहदेदारों का बोरिया-बिस्तर सिमट चुका है। लिहाजा बात पदों से हटाने के बजाए मानदेय भुगतान पर आकर टिक गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचे एक दायित्वधारी ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के सामने दायित्वधारियों के मानदेय भुगतान में हीलाहवाली का मुद्दा उठाया। प्रदेश अध्यक्ष ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी सरकार के इस रवैये से खफा है। उन्होंने मुख्य सचिव एस रामास्वामी से दूरभाष पर वार्ता कर दायित्वधारियों को बकाया भुगतान की पैरवी की।

महानुभावों पर ऐसे बरसता है सरकारी खजाना 

मानदेय:

-मंत्री दर्जा प्राप्त महानुभावों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह

-राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त महानुभावों को 11 हजार रुपये प्रतिमाह

-अन्य दायित्वधारी महानुभावों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह

-इसके अलावा वाहन व अन्य सुविधाएं अलग हैं।

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