अपराध

किडनी गैंग में बड़ी भूमिका में था राजीव, पत्नी अनुपमा के खाते से कई करोड़ का लेनदेन

देहरादून : किडनीखोर गैंग के आरोपियों के कारनामे खुलने के साथ ही हर रोज चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। बैंक स्टेटमेंट डीटेल से पता लगा कि बाप-बेटे अमित व अक्षय तथा दलाल अपने कारनामों को अंजाम देने के लिए महिलाओं को फांसते थे। इसकी पुष्टि दलाल राजीव की पत्नी अनुपमा के बैंक स्टेटमेंट से हो गई। अनुपमा के खाते ही उत्तरांचल डेंटल कॉलेज को लीज की पचास लाख की रकम ट्रांसफर की गई है।

किडनी गैंग के रोजाना नए खुलासे से खुद पुलिस अफसर भी अचंभे में हैं। अब तक की जांच में यह तो साफ हो गया है कि गैंग सुनियोजित तरीके से कारोबार को उत्तराखंड में जमाने की कोशिश में लगा था। किसी को शक न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। राजीव चौधरी पुत्र सुरेंद्र पाल सिंह निवासी 14/41 आदर्श नगर बड़ौत जिला बागपत उत्तर प्रदेश ही किडनीखोर अमित के कारोबार के लिए सिस्टम तैयार कर रहा था। राजीव के दो भाई संजीव और लवली बड़ौत में रहते हैं। पुलिस उनके बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

वहीं, हरिद्वार में रहने वाली राजीव की दूसरी बीवी के बारे में गुरुवार को पता चला कि वह हरिद्वार का अपना मकान बेच कर कहीं और चली गई है। उसका नाम बेबी चौधरी है। पुलिस अब मकान खरीदने वाले शख्स से उसके बारे में जानकारी जुटा रही है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि गिरोह के हर एक सदस्य के बारे में सामने आ रही जानकारियों को एक कड़ी में जोड़ कर शिकंजा कसने की कार्रवाई की जा रही है। गैंग में अमित के बाद राजीव ही है, जिससे बहुत कुछ उगलवाया जा सकता है।

ज्वालापुर में भी दी दबिश 

दून पुलिस की टीम ने बुधवार देर शाम हरिद्वार के ज्वालापुर मोहल्ले में रहने वाले एक चिकित्सक के घर भी दबिश दी, लेकिन एसएसपी ने बताया कि इस चिकित्सक का इस गैंग से कोई ताल्लुक सामने नहीं आया।

ये है बैंक स्टेटमेंट 

– अनुपमा चौधरी: इसके साउथ इंडियन बैंक के खाते से 17 जुलाई 2016 को 50 लाख उत्तरांचल डेंटल कॉलेज को ट्रांसफर किया गया।

– अक्षय राऊत: इसके खाते में बीते 3 जुलाई को 22 लाख रुपये चेक से जमा हुए। 6 जुलाई को 50 लाख फिर जमा हुए। खाते को फ्रीज करा दिया गया है।

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