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कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की बड़ी बैठक

नई दिल्ली: भारत सरकार ने राजकोष की हालत मजबूत करने के लिए एसेट मोनेटाइजेशन का प्रोग्राम तैयार किया है. इसमें पॉवर लाइन, गैस पाइपलाइन, सड़क और रेलवे की संपत्तियों को मोनेटाइज किया जाना है. अब सरकार इस प्रोग्राम पर सुपरफास्ट तरीके से आगे बढ़ना चाहती है, ताकि वित्त वर्ष 2022-23 के लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में एसेट मोनेटाइजेशन से 1.62 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा है. ईटी की खबर के मुताबिक इस काम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा शुक्रवार को एक अहम बैठक करने जा रहे हैं. इसमें 12 अहम मंत्रालयों के सचिव शामिल होने वाले हैं. बैठक में मोनेटाइजेशन की टाइमलाइन तय करने का काम होगा. साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 की डेडलाइन मिस करने वालों से एक्प्लेनेशन भी मांगा गया है.
बैठक में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, दूरसंचार मंत्रालय, रेलवे, पोर्ट, पोत परिवहन और जलमार्ग, सिविल एविएशन, पॉवर, कोयला, खान, सड़क परिवहन और राजमार्ग, पर्यटन, खेल, खाद्य और सार्वजनिक वितरण जैसे मंत्रालयों और विभागों के सचिव शामिल होने वाले हैं. साथ ही वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
जब सरकार ने संपत्तियों के मौद्रीकरण के लिए National Monetisation Pipeline (NMP) कार्यक्रम बनाया है. इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस प्रोग्राम की समीक्षा भी की थी. जब सरकार ने इसका ऐलान किया था. तब विपक्ष ने सरकार पर सरकारी संपत्तियों को बेचने (प्राइवेटाइजेशन) करने का आरोप लगाया था. लेकिन इस बारे में सरकार ने साफ किया है कि मोनेटाइजेशन का मतलब संपत्ति को बेचने से नहीं है, बल्कि एक तरह से सरकार इन संपत्तियों को किराये पर चढ़ा रही है.

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