गंगा को स्वच्छ बनाने को जर्मन संस्था से लेंगे ऋण
हरादून : अब जर्मनी के पैसे से स्वच्छ गंगा का सपना पूरा होगा। जर्मनी की नामचीन संस्था केएफडब्ल्यू ने हरिद्वार व ऋषिकेश में गंगा को सीवर मुक्त करने के लिए बजट देने के लिए हामी भर दी है। इसी 31 अगस्त को जर्मनी के राजदूत दून पहुंचेंगे।
यूं तो केंद्र सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा को स्वच्छ करने की योजनाएं संचालित हो रही हैं। लेकिन, इसमें सिर्फ नालों को टेप करके सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लाना और जिन शहरों में ट्रीटमेंट प्लांट नहीं हैं, वहां प्लांट तैयार किए जाने हैं। बता दें कि कुछ शहरों में घरों से निकलने वाला सीवर भी सीधे गंगा में छोड़ा जा रहा है।
इन शहरों में सीवर लाइन डाली जानी है, पर केंद्र सरकार के मौजूदा प्रोजेक्ट में यह कार्य शामिल नहीं है। पेयजल निगम ने इन कार्यों को योजना में शामिल किया था, लेकिन केंद्र ने इनके लिए धन आवंटन करने से साफ इन्कार कर दिया।
पेयजल निगम के महाप्रबंधक एसके पंत के अनुसार इस स्थितियों में पेयजल निगम ने दूसरे विकल्पों पर विचार के बाद जर्मन संस्था केएफडब्ल्यू से ऋण लेने की योजना बनाई है। संस्था ने हरिद्वार व ऋषिकेश में गंगा किनारे बसी बस्तियों में सीवर लाइन बिछाने के लिए ऋण देने पर सहमति जता दी है। फिलहाल संस्था ने साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।
इसी सिलसिले में 31 अगस्त को जर्मन राजदूत उत्तराखंड आ रहे हैं। यहां वह हरिद्वार और ऋषिकेश शहर का दौरा करेंगे। इस दौरान उनकी पेयजल निगम के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। निगम इसमें योजना का ब्लू प्रिंट रखेगा। महाप्रबंधक ने कहा