उत्तर प्रदेश

गन्ना किसानों को राहत देने की सरकार की कोशिशों का दिखा असर, बकाया गन्ना मूल्य का लगभग 93.10 प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित।

लखनऊः मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में वर्तमान सरकार के गठन के उपरान्त मा. गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के गन्ना किसानों के भुगतान को प्राथमिकता पर लेते हुए अमल शुरू किया गया तथा उनके निर्देशानुसार किये गये प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान सरकार द्वारा अब तक वर्तमान सत्र पेराई सत्र 2017-18 में चीनी मिलों के कुल रू.35,463 करोड़ देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष दिनांक 14.12.2018 तक कुल रू.33,017 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जा चुका है, जो 93.10 प्रतिशत है।

    मा. गन्ना मंत्री ने यह भी बताया कि अब मात्र रू.2,445 करोड़ गन्ना मूल्य अवशेष है जिसके लिये विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार चीनी मिलों पर दबाव बनाकर शीघ्रातिशीघ्र्र भुगतान कराने के लिये कवायद तेज कर दी गई है जिसके तहत भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के विरूद्व नियमानुसार दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी और इसी क्रम में आठ चीनी मिलों जिनमें मोदीनगर-गाजियाबाद, बुलन्दशहर-बुलन्दशहर, बृजनाथपुर-हापुड,़ गागलहेड़ी-सहारनपुर, बिसौली-बदायूं, गड़ौरा-महराजगंज, वाल्टरगंज-बस्ती एवं मलकपुर-बागपत शामिल है को आर.सी. जारी कर दी गयीं है।

    पेराई सत्र 2017-18 में कुल 119 चीनी मिलों में से दिनांक 14.12.2018 तक 117 चीनी मिले संचालित हो गई है जिनमें से निजी क्षेत्र की 92, सहकारी क्षेत्र की 24 और निगम क्षेत्र 1 चीनी मिल द्वारा पेराई कार्य शुरू कर दिया गया है। चीनी, शीरा, बगास, प्रेसमड के विक्रय से उपलब्ध धनराशि का 85 प्रतिशत अनिवार्य रूप से गन्ना मूल्य भुगतान में उपयोग होगा । यह भी उल्लेखनीय है कि गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार  प्रतिबद्ध है तथा किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु कृतसंकल्प है।

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