राजनीति

गाय की बात करना कुछ लोगों के लिए गुनाह, हमारे लिए माता- पीएम मोदी

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचकर जनता को कई सौगातें दी। मोदी ने खरियांव में खरियांव में बनास डेयरी संकुल की आधारशिला रखी। इसके अलावा उन्होंने 22 विकास परियोजनाओं की आधारशिला और उद्घाटन भी किया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद मोदी ने जनसभा को संबोधित भी किया।मोदी ने कहा कि आज का दिन इतिहास में विशेष है, क्योंकि आज देश के पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की जयंती है। उनकी याद में देश किसान दिवस मना रहा है।

गाय की बात करना हमारे लिए पूज्यनीय

मोदी ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोधन की बात करना, कुछ लोगों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं। जैसे कोई गुनाह कर दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है। हमारे लिए गाय माता है। पूज्यनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। इन्हीं परिवारों की मेहनत से आज भारत हर साल लगभग साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है।

मोदी ने ये भी कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर को मजबूत करना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक हैं। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया। हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी, लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला। हमारी सरकार देशभर में इस स्थिति को बदल रही है। मोदी ने कहा कि 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45% बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22% दूध उत्पादन करता है। मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है।

मोदी ने आगे कहा कि डबल इंजन की हमारी सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति से किसानों और पशुपालकों का साथ दे रही है। आज यहां जो बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है, वो भी सरकार और सहकार की इसी भागीदारी का प्रमाण है। आधुनिक डेयरी प्लांट तैयार होने के बाद कई जिलों के हजारों-लाखों किसानों को इससे लाभ होगा। आसपास के गांवों में दूध समितियां बनेंगी। दूध के खराब होने की चिंता से मुक्ति मिलेगी। यहां अच्छी नस्ल के पशुओं के लिए किसानों को मदद भी मिलेगी। किसानों को बढ़िया क्वालिटी का आहार भी मिलेगा।

प्राकृतिक खेती करने की अपील

आज देश की बहुत बड़ी जरूरत, डेयरी सेक्टर से जुड़े पशुओं से जो अपशिष्ट निकलता है, उसके सही इस्तेमाल का भी है। रामनगर के दूध प्लांट के पास बायोगैस से बिजली बनाने वाले प्लांट का निर्माण ऐसा ही एक बहुत बड़ा प्रयास है। एक समय था जब भारत में प्राकृतिक खेती होती थी। जो खेत से मिल रहा है, खेती में जुड़े पशुओं से मिल रहा है, वही तत्व खेती को बढ़ाने के काम आते थे, लेकिन समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया। धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा।

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