उत्तराखंड समाचार

चमोली की नीती घाटी में बादल फटने से भारी नुकसान

देहरादून : उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की मार जारी है। रविवार सुबह चमोली जिले की नीती घाटी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। करीब एक दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है और तमक गांव से आठ परिवारों को पंचायत भवन में शरण दी गई है।

तमक नाले में आए उफान से दो दुकानें मलबा घुसने से क्षतिग्रस्त हो गईं। चीन सीमा तक जाने वाली सड़क भी मलबे के कारण बंद हो गई थी, जिसे सीमा सड़क संगठन के जवानों ने सोमवार को दुरुस्त कर दिया। दूसरी ओर पिथौरागढ़ जिले के मालपा में बारिश के कारण लापता लोगों के खोजबीन का कार्य भी बाधित रहा।

घटना स्थल जोशीमठ से 42 किलोमीटर दूर है। दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण प्रशासन को नीती घाटी में बादल फटने की जानकारी देर से मिल पाई। सोमवार को जोशीमठ के तहसीलदार चंद्रशेखर भट्ट के नेतृत्व में राजस्व विभाग की एक टीम मौके पर भेजी गई। एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि टीम क्षति का आकलन करेगी। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

उधर, बदरीनाथ के पास लामबगड़ में पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण प्रशासन ने रविवार देर शाम से हाईवे पर आवागमन रोक रखा है। चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल यातायात पर रोका गया है।

इसके अलावा गंगोत्री हाईवे पर भी पांच घंटे आवाजाही बाधित रही। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भी बारिश से मुश्किलें बरकरार हैं। मलबा आने से  थल-मुनस्यारी और तवाघाट- दारमा और जौलजीवी- मदकोट मार्ग भी बंद हैं। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम के तेवर नरम बने रहेंगे। प्रदेश में अगले 24 घंटों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

नेपाल पुलिस से मांगी मदद

पिथौरागढ़ जिले के मालपा और घटियाबगड़ में बीते सोमवार को बादल फटने से आई आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए नेपाल पुलिस से भी सहयोग मांगा गया है। एनडीआरएफ और प्रशासन की टीम काली नदी के किनारे सर्च अभियान चला रहे हैं।

 

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