उत्तराखंड विकास खण्ड

जंगलों की आग बुझाने को उत्तराखंड में 20 अप्रैल को मॉकड्रिल

प्रदेश में जंगलों में आग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण संयुक्त रूप से वनाग्नि से बचाव व रोकथाम के लिए 20 अप्रैल को मॉकड्रिल करेंगे। प्रदेश में वनाग्नि पर होने वाली संभवत: यह पहली मॉकड्रिल होगी। शासन में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह मॉकड्रिल किस क्षेत्र में होगी, इसका खुलासा 20 अप्रैल को ही होगा।

प्रदेश में वनाग्नि के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। प्रतिवर्ष इससे करोड़ों रुपये की वन संपदा खाक हो जाती है। गत वर्ष तो यह हालात बने थे कि जंगलों की आग को बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए पानी का छिड़काव तक किया गया था। वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र और प्रदेश ने इसकी रोकथाम और बचाव को लेकर कार्य करना शुरू किया था।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इसी माह से कई ग्राम पंचायत व सिविल सोयम में वनाग्नि से बचाव व रोकथाम का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब इस कड़ी में मॉकड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत वनाग्नि लगने का एक छद्म वातावरण तैयार किया जाएगा और इस पर रोकथाम व बचाव के लिए सामूहिक रूप से कार्य किया जाएगा।

सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि 20 अप्रैल को होने वाली मॉकड्रिल के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है। इसके लिए एनडीएमए के अधिकारी भी पहुंच चुके हैं। मंगलवार को सेना, आपदा प्रबंधन, वन, ऊर्जा, परिवहन, संचार, पुलिस, एसडीआरएफ आदि विभागों के साथ इसके लिए वीडियो कान्फ्रेंसिंग की जाएगी। 19 अप्रैल को विभागों को इस पर फिर से चर्चा होगी और 20 अप्रैल को मॉकड्रिल की जाएगी।

आग बुझाने को जिलाधिकारियों से मांगी मदद

पारे की उछाल के साथ ही जंगलों में आग भड़कने से परेशान वन महकमे ने अब सभी जिलों के जिलाधिकारियों से मदद मांगी है। यही नहीं, सूबे में तापमान बढऩे की मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर वनकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं।

प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फायर सीजन के मद्देनजर विभाग में पहले ही अलर्ट घोषित किया जा चुका है। उपलब्ध संसाधनों से महकमा आग बुझाने में जुटा है। इसमें स्थानीय प्रशासन की भागीदारी सुनिश्चित करने के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आग्रह किया गया है।

 

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