उत्तराखंड समाचार

दून में बन्नू बिरादरी ने गढ़ी दशहरा उत्सव की परंपरा

देहरादून: दून में दशहरा मेला की परंपरा दशकों पुरानी है, लेकिन रावण परिवार के पुतलों के दहन की शुरुआत बन्नू बिरादरी ने की। यह बिरादरी विभाजन के बाद वर्ष 1948 में पाकिस्तान से आए परिवारों का समूह है, जिन्हें यहां प्रेमनगर में बसाया गया था।

इसी साल विजयादशमी के दौरान बन्नू बिरादरी से जुड़े परिवारों ने रावण के पुतले बनाकर विजयाशमी के दिन प्रेमनगर के दशहरा ग्राउंड में पहला रावण दहन किया। इसके बाद तो रावण दहन दून में भी परंपरा का हिस्सा बन गया।

आज भी विजयादशमी के दिन दशहरा ग्राउंड में रावण के कई पुतलों का एक साथ दहन किया जाता है। बाद में बन्नू बिरादरी की ओर से शहर के बीचोंबीच परेड ग्राउंड में भी दशहरा उत्सव आयोजित किया जाने लगा और दहन किए जाने वाले पुतलों में रावण के साथ कुंभकर्ण व मेघनाद भी शामिल हो गए।

हालांकि, अब तो शहर में क्लेमेनटाउन, ओएफडी, पूर्वी पटेलनगर आदि स्थानों पर भी दशहरा मेला आयोजित होने लगा है, लेकिन परेड ग्राउंड का आकर्षण सबसे निराला है।

यहां रावण परिवार के पुतलों का आकार हर साल बढ़ जाता है। साथ ही आतिशबाजी का नजारा भी देखते ही बनता है। बाकी चकाचौंध के बीच परंपरा के दर्शन तो होते ही हैं, जिसका साक्षी बनने शहर के कोने-कोने से लोग परेड ग्रांउड पहुंचते हैं।

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