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दून मेडिकल कालेज अस्‍पताल में मिली खामियां, बिफरे सीएम के स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकार

देहरादून : मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ नवीन बलूनी ने दून मेडिकल कालेज अस्पताल का निरीक्षण किया। वह यहां की अव्यवस्थाओं पर बिफरे। शौचालयों की खराब स्थित व जगह-जगह गंदगी देख वह नाराज हुए।

डॉ बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत की बात कर रहे हैं और अस्पताल ने स्वच्छता ताक पर रख दी है। जब हमारे अस्पताल स्वयं स्वच्छता का ख्याल नहीं रखेंगे तो हम भला मरीजों को क्या सीख देंगे।

निरीक्षण के दौरान अस्पताल में जगह जगह लगाए गए वाटर कूलर भी खराब मिले। इस पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। डॉ बलूनी ने कहा कि यह अजीब स्थिति है कि प्रदेश का सबसे बड़े अस्पताल में पानी तक का इंतजाम नहीं है। उन्होंने अस्पताल की कैंटीन का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंनें खुद खाना खाकर देखा। कैंटीन में स्वच्छता ताक पार देख वह खिन्न दिखे। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा को एक सप्ताह में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

वार्ड का मुआयना करते एमएसबीवाई कार्ड धारक एक मरीज ने उन्हें बताया कि उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। एमएसबीवाई काउंटर पर बताया गया कि उनका कार्ड ब्लाक है। दरअसल, बीमा कंपनी ने गत वर्ष गैर लाभार्थियों के साथ ही कई लाभार्थियों के कार्ड भी ब्लाक कर दिये थे। खुद अपर मुख्य सचिव इन्हें पुनः शुरू करने के निर्देश कंपनी को दे चुके हैं, लेकिन इस ओर कार्रवाई नहीं हुई। इसका खामियाजा मरीज उठा रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने महिला अस्पताल का रुख किया, जहां उनका सामना मरीजों की शिकायतों से हुआ। पता लगा कि गर्भवती महिलाओं को बेड तक नहीं मिल पा रहे। प्रसूति के बाद एक बेड पर दो दो महिलाओं को भर्ती करने की नौबत आ गई है। सीएमएस डा मीनाक्षी जोशी ने बताया कि पूर्व में अस्पताल में 110 बेड स्वीकृत थे, लेकिन मेडिकल कालेज बनने के बाद बेड लगभग आधे रह गए हैं, जबकि मरीजों का अत्याधिक दबाव है। इस विषय में शासन को पूर्व में ही अवगत करा दिया गया है।

महिला अस्पताल में तब अजीब स्थिति बन गई जब स्वास्थ्य सलाहकार ने सुझाव पेटिका चेक की। इस पेटी की चाभी ही नहीं मिली। बाद में ताला तोड़ा गया तो इसका कुंडा ही नहीं खुला। जिससे ये जाहिर हो गया कि पेटी कई सालों से खुली ही नहीं है। भीतर झांकने पर इसमें गंदगी पडी मिली। इसपर भी बलूनी ने नाराजगी जाहिर की है।

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