उत्तर प्रदेश

नव चयनित शेष 63 गन्ना पर्यवेक्षकों को भी प्रमुख सचिव, गन्ना एवं चीनी द्वारा प्रदान किया गया नियुक्ति पत्र

लखनऊ: प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिये कृत संकल्प है। इसी कड़ी में दिनांक 22 नवम्बर,2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना विकास विभाग में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था। शेष 63 नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को भी आज प्रमुख सचिव, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा लाल बहादुर शास्त्री, गन्ना किसान संस्थान, डालीबाग के सभागार में नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।

    नव-नियुक्ति गन्ना पर्यवेक्षकों को सम्बोधित करते हुये प्रमुख सचिव, गन्ना एवं चीनी श्री भूसरेड्डी ने कहा कि चीनी मिलों की क्षमता एवं
संख्या में वृद्धि तथा गन्ने के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से गन्ना कृषकों की आमदनी बढ़ने के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और क्षेत्र का समग्र विकास होता है। गन्ना पर्यवेक्षक विभाग एवं सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर किसानों के साथ सीधे जुड़े होते हैं, अतः गन्ना पर्यवेक्षकों की अपने दायित्वों के प्रति सजगता एवं संवेदनशीलता तथा अपने कार्यों के  प्रति निष्ठा एवं ईमानदारी न केवल किसानों को अपनी उत्पादन बढ़ाने तथा सुगमतापूर्वक गन्ना आपूर्ति के लिए आवश्यक है साथ ही यह विभाग एवं सरकार की छवि के लिए भी महत्वपूर्ण है।

    प्रमुख सचिव ने गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुये कहा कि आप सभी आज बेरोजगारी छोड़कर सेवायोजित हो जायेगें और वर्तमान परिवेश में सरकारी सेवा के मानक बदले हैं, अब सरकारी सेवा में दायित्वबोध के साथ-साथ फील्ड स्तर पर रोज नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। नये गन्ना पर्यवेक्षकों को प्रमुख सचिव ने किसानों और क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों के प्रति शालीनतापूर्वक व्यवहार करने की भी सलाह दी और बताया कि सभी गन्ना पर्यवेक्षक फील्ड स्तर पर गन्ना किसानों से भी खेती के तकनीकी पक्षों पर चर्चा कर उनसे भी सीख सकते हैं और एक सरकारी कर्मी अपने कार्यों से ही पहचाना जाता है।

नवनियुक्त 63 गन्ना पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुये मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में अपर गन्ना आयुक्त(प्रशासन) श्री पवन गंगवार द्वारा कर्मचारी आचरण नियमावली व सरकारी सेवा से संबंधित सुविधा और बाध्यताओं के बारे में व्याख्यान दिया गया, श्री वाई.एस. मलिक, अपर गन्ना आयुक्त(मुख्यालय) द्वारा कृषि प्रचार-प्रसार के महत्व पर प्रकाश डालते हुये विभागीय संरचना के बारे मे ंबताते हुये कहा गया कि चयनित गन्ना पर्यवेक्षक सीधे विश्वविद्यालयों एवं काॅलेजों से पढ़कर आ रहे है और खेती से जुड़ी तकनीकी जानकारी से भिज्ञ है। अतः इनके द्वारा किसानों को गन्ने की तकनीकी खेती, कीट बीमारियों से बचाव आदि में किसानों को त्वरित मदद
पहुंचायी जा सकेगी । श्री आर.पी.यादव, अपर गन्ना आयुक्त (विकास) द्वारा गन्ना विकास से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं आदि पर जानकारी प्रदान की गई। डा.वी.बी. सिंह, संयुक्त गन्ना आयुक्त द्वारा सहकारी गन्ना समितियों और गन्ना विकास परिषदों में किसानों के पंजीकरण/सदस्यता, सर्वे सट्टा इत्यादि से संबंधी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

अपर गन्ना आयुक्त(प्रशासन) श्री पवन गंगवार द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का संचालन किया गया तथा श्री राकेश मिश्र, अपर चीनी आयुक्त द्वारा गन्ना पर्यवेक्षकों को विभागीय निर्देशों के प्रति गम्भीरता बरतने की सीख देते हुये गन्ना पर्यवेक्षकों की चीनी मिलों के
साथ-साथ गुड एवं खाण्डसारी इकाईयों के लिए गन्ना विकास कराने की जिम्मेदारी भी है बताया गया, और कार्यक्रम के समापन की घोषणा  के साथ धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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