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प्रशासन को भेजा जाएगा जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव

जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य जिला प्रशासन करेगा। यमुना प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जल्द ही जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजेगा। हवाई अड्डे के लिए नोडल एजेंसी नामित यमुना प्राधिकरण के सामने जमीन अधिग्रहण के लिए जरूरी रकम को जुटाने की चुनौती खड़ी है।

प्रदेश सरकार यमुना प्राधिकरण को जेवर हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू करने के निर्देश दे चुकी है। लेकिन सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए कोई धनराशि जारी नहीं की है। यमुना प्राधिकरण के पास भी जमीन अधिग्रहण करने के लिए पर्याप्त रकम नहीं है। रकम जारी करने को लेकर प्रदेश सरकार की चुप्पी पर प्राधिकरण अधिकारी पसोपेश में हैं।

हालांकि प्रदेश सरकार से दिशा निर्देश मिलने के बाद प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू करने के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण करेगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर भी अभी पूरी तरह से स्पष्टता नहीं है।

भूमि अधिग्रहण कानून की पूरी प्रक्रिया अपनाने पर जमीन अधिग्रहण में अधिक समय लगेगा। जबकि सहमति के आधार पर किसानों से जमीन का बैनामा कराकर समय की बचत होगी। प्राधिकरण पूर्व में भी अपने कई अहम परियोजनाओं के लिए सहमति के आधार पर जमीन क्रय करता रहा है। प्राधिकरण की मंशा भी सहमति वाले फार्मूले से जमीन लेने की है। लेकिन अधिकारी इस पर प्रदेश सरकार का रुख स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।

तीन हजार करोड़ रुपये की जरूरत

प्राधिकरण को जमीन अधिग्रहण के लिए करीब तीन हजार करोड़ की जरूरत है। पहले चरण में आठ गांवों की साढ़े बारह सौ हैक्टेयर जमीन अधिग्रहीत होनी है। जेवर हवाई अड्डे के लिए तीन हजार हैक्टेयर जमीन आरक्षित है।

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