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प्रसव के बाद उपचार नहीं मिलने से नवजात की मौत

त्यूणी : चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती बुरास्वा गांव में सोमवार सुबह प्रसव के बाद उपचार नहीं मिलने से नवजात शिशु की मौत हो गई। गांव में बीते डेढ़ माह में उपचार न मिलने के कारण तीन नवजात शिशु दम तोड़ चुके हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर संजीदा नजर नहीं आ रहे हैं।

बुरास्वा निवासी 25 वर्षीय सीमा देवी को सोमवार सुबह पांच बजे प्रसव पीड़ा हुई। महिला की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे नजदीकी अस्पताल सीएचसी चकराता ले जाने की तैयारी करने लगे, जो कि गांव से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। साथ ही एंबुलेंस को भी सूचना दी गई। इस बीच महिला ने घर में ही बच्चे को जन्म दे दिया। लेकिन, हालत बिगडऩे के बाद समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण नवजात शिशु की मौत हो गई। हालांकि महिला की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

बुरास्वा स्थित मातृ-शिशु कल्याण केंद्र पर दो साल से ताला

ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को वर्ष 2005 में सरकार ने बुरास्वा में मातृ शिशु कल्याण केंद्र खोला था। लाखों की लागत से बने स्वास्थ्य उपकेंद्र में कुछ समय तक एएनएम तैनात थी। लेकिन, बीते दो साल से यहां कोई स्टाफ नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों को उपचार के लिए 30 किमी दूर सीएचसी चकराता की दौड़ लगानी पड़ती है। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ती है। स्टाफ न होने कारण यहां बच्चों का टीकाकरण भी नहीं हो पा रहा है।

बता दें कि बीते डेढ़ माह में बुरास्वा गांव में प्रसव के बाद समय पर उपचार नहीं मिलने से दो नवजात शिशु की मौत हो चुकी है। जबकि, तीन माह के बच्चे की बुखार आने पर उपचार नहीं मिलने से मौत हो गई। बुरास्वा निवासी भाजपा युवा मोर्चा चकराता मंडल अध्यक्ष नरेश रावत, रमेश रावत, यशपाल, खजान सिंह, रितेश, सुभाष रावत व अरविंद ने मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत कर जौनसार-बावर में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने की मांग की है।

डेढ़ माह में गांव में तीन नवजात की मौत

15 मई: प्रसव के बाद समय पर उपचार न मिलने के कारण सीमा देवी के नवजात शिशु की मौत।

14 अप्रैल: सविता देवी के तीन माह के बच्चे की तेज बुखार से मौत।

31 मार्च: बबीता रावत के नवजात शिशु की प्रसव के बाद समय पर उपचार न मिलने से मौत।

 

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