उत्तराखंड विकास खण्ड

फरिश्ता बन दुर्गम क्षेत्रों में पहुंची विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी

देहरादून : पहाड़ी परिवेश में ही पैदा हुए डॉक्टर भी उत्तराखंड के जिन इलाकों में जाने से कतराते हैं, वहां स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी से जुड़े अनेक डॉक्टर जीवन रक्षक बन पहुंच रहे हैं। विषम भूगोल और बुनियादी संसाधनों की चुनौतियों के बीच इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं भी न के बराबर हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों के लिए ये डॉक्टर भगवान से कम नहीं हैं। यह सोसायटी उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में चार अस्पतालों का संचालन कर रही है और पांचवां अस्पताल खोलने की तैयारी है। इन अस्पतालों से दिल्ली, देहरादून सहित बड़े शहरों के नामी डॉक्टर जुड़े हुए हैं। जो निस्वार्थ  सेवाएं दे रहे हैं।

क्यों है इसकी जरूरत 

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है। चिकित्सकों के कुल 2690 पद हैं, जबकि तैनाती महज 1088 पदों पर है। यानी आधे से भी कम। सरकारी चिकित्सक पहाड़ चढ़ने को तैयार ही नहीं होते।

अत्याधुनिक सुविधाएं

पर्वतीय जिलों में जहां जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पतालों में भी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाती, वहीं मिशन के सुदूरवर्ती इलाकों में संचालित अस्पतालों में ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं। इन सभी अस्पतालों में एक्स-रे मशीन, ऑपरेशन थिएटर, आधुनिक वेंटीलेटर मशीन, ईसीजी मशीन, डिजीटल एक्स-रे, पैथोलॉजी लैब जैसी सुविधाएं हैं। अस्पताल स्टाफ गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य शिविर भी लगाता हैं। सरकारी दरों पर ये सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

ऐसे हुई शुरुआत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे डॉ. अनुज सिंघल ने वर्ष 2012 में उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ सुविधाओं की बदहाली देखकर स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी का गठन किया। वर्तमान में राज्य में संस्था के चार अस्पताल देहरादून में विकासनगर के पास धर्मावाला, उत्तरकाशी में गंगोत्री के निकट मनेरी, यमुनोत्री के पास बड़कोट और रुद्रप्रयाग में केदारघाटी स्थित नारायणकोटी अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। पांचवां अस्पताल बदरीनाथ मार्ग पर जोशीमठ में खोलने की तैयारी चल रही है।

नामी डॉक्टर दे रहे सेवाएं

संस्था की इस मुहिम को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के नामी डॉक्टर आगे बढ़ा रहे हैं। डॉक्टरों की इस मित्र मंडली में सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. एसके वर्मा व सचिव डॉ. अनुज सिंघल के साथ ही डॉ. कपिल त्यागी, डॉ. राकेश त्यागी, डॉ. आलोक सिंघल, डॉ. नवीन जुयाल, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. दिनेश अरोड़ा, डॉ. नवीन बलूनी, डॉ. संजय शर्मा प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन सभी के अपने-अपने अस्पताल भी हैं, जो वहां से समय निकालकर उत्तराखंड में सेवा देने के लिए आते हैं।

संघ की प्रेरणा 

नोएडा व ग्रेटर नोएडा में यथार्थ हॉस्पिटल के संचालक ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. कपिल त्यागी सपरिवार इस मिशन से जुड़े हुए हैं। उनके दो भाई और एक बहन भी चिकित्सक हैं, सभी उत्तराखंड में सेवाएं देने के लिए आते हैं। डॉ. कपिल बताते हैं कि संघ की प्रेरणा से ही वह इस मिशन से जुड़े। वर्तमान में नारायण कोटी अस्पताल का संचालन उन्हीं की देखरेख में हो रहा है।

विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी के सचिव डॉ. अनुज सिंघल ने बताया कि मिशन का उद्देश्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा को लेकर काम करना है। ताकि, समाज स्वस्थ और सुशिक्षित हो सके। सोसाइटी मित्र चिकित्सकों और लोगों के सहयोग से चल रही है। हंस फाउंडेशन भी सहयोग कर रहा है।

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