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फॉक्सवैगन इंडिया ने चाकण में अपने पुणे संयंत्र में दस लाखवीं कार का उत्पादन किया

देहरादून: फॉक्सवैगन के पुणे स्थित संयंत्र ने आज ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब उसकी असेम्बली लाइन से दस लाखवीं कार को रोल-आउट किया गया। सेलेब्रेटरी कार, मेड-फॉर-इंडिया फॉक्सवैगन कार्बन स्टील एमियो को फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री गुरप्रताप बोपाराय, फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के डायरेक्टर श्री स्टीफन नैप, फॉक्सवैगन पुणे संयंत्र के शीर्ष प्रबंधन और कुछ सबसे पुराने कर्मचारियों, जो फॉक्सवैगन पुणे संयंत्र में एक दशक से प्रोडक्शन विभाग का हिस्सा रहे हैं, की उपस्थिति में रोल आउट किया गया।

इस अत्याधुनिक उत्पादन सुविधा का परिचालन 31 मार्च 2009 को शुरू हुआ था और जिस कार का सबसे पहले उत्पादन किया गया वह थी स्कोडा फाबिया। वर्ष 2010 के अंत तक तीन और मॉडल्स- फॉक्सवैगन पोलो, वेन्टो और स्कोडा रैपिड का उत्पादन भी शुरू हो गया था। यह संयंत्र मुख्य रूप से भारतीय बाजार को सेवा प्रदान करने के लिये आरंभ किया गया था, लेकिन इसने वर्ष 2012 में दक्षिण अफ्रीका से शुरूआत कर विभिन्न अन्य देशों में भी निर्यात शुरू कर दिया। मेक्सिको भारत में बनी कारों के सबसे महत्वपूर्ण गंतव्यों में से एक बन गया और वेन्टो बड़ी तेजी से इस बाजार की सबसे अधिक बिकने वाली फॉक्सवैगन बन गई। आज फॉक्सवैगन के पुणे संयंत्र में बनी चार लाख से अधिक कारें विश्व के चार महाद्वीपों एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के 50 देशों तक पहुँच चुकी हैं।

भारत में पिछले 10 वर्षों के अपने परिचालन में फॉक्सवैगन ने इस बाजार के लिये बड़ी प्रतिबद्धता दर्शाई है। दस लाखवीं कार एमियो इसका उत्कृष्ट उदाहरण है कि फॉक्सवैगन ने कैसे खासतौर से भारतीय बाजार के लिये एक कार डिजाइन की है और स्थानीय ग्राहकों तथा बाजार की मांगों को ध्यान में रखा है। फॉक्सवैगन ग्रुप अपनी क्षेत्रीय परियोजना इंडिया 2.0 के माध्यम से भारतीय बाजार के लिये अपनी प्रतिबद्धता और पकड़ को और भी मजबूत कर रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य भारतीय बाजार के लिये प्रासंगिक अधिक से अधिक कारें बनाना है, वह भी स्थानीय मंच पर। इस परियोजना में फॉक्सवैगन ग्रुप 1 बिलियन यूरो (8000 करोड़ रू.) का निवेश कर रहा है और स्थानीय विकास शुरू करने के लिये पुणे संयंत्र में एक टेक्नोलॉजी सेंटर भी स्थापित किया जा चुका है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री गुरप्रताप बोपाराय ने कहा, ‘‘फॉक्सवैगन इंडिया की उत्पादन सुविधा गुणवत्ता और उत्पादन में तकनीकी प्रगति का वैश्विक मापदंड है और यह भारत में हमारी वृद्धि की रीढ़ है। पूरे प्रबंधन की ओर से मैं फॉक्सवैगन इंडिया की टीम को बधाई देता हूँ, जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिये कठोर परिश्रम किया है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘दस लाखवीं कार का उत्पादन हमारे लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो भारतीय बाजार के प्रति हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दर्शाती है। हम आगे भी ऐसी उपलब्धियाँ प्राप्त करते रहेंगे और स्थानीयकरण को बढ़ाने, उत्पादन बढ़ाने और भविष्य में देश तथा विश्व के कई अन्य बाजारों के लिये विश्व-स्तरीय उत्पाद बनाने की दिशा में काम करेंगे।’’

फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स के डायरेक्टर श्री स्टीफन नैप ने कहा, ‘‘फॉक्सवैगन की दस लाखवीं कार का निकलना भारत जैसे गतिशील और उभरते बाजार में हमारी मजबूत ब्राण्ड इक्विटी का प्रमाण है। यह उपलब्धि हमारे सभी कर्मचारियों, ग्राहकों और मजबूत नेटवर्क को समर्पित है, जिन्होंने भारत में हमारे ब्राण्ड की वृद्धि में योगदान दिया है। इस उपलब्धि के साथ हम आगे भी ऐसी उपलब्धियां हासिल करेंगे, हम और भी मजबूत प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को लेकर प्रतिबद्ध हैं और आने वाले वर्षों में ग्राहक अनुभव को अत्यंत समृद्ध बनायेंगे।’’

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