राजनीति

भाजपा संगठन जिलों का दीपावली तक होगा पुनर्गठन

देहरादून : राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रशासनिक जिलों से कहीं अधिक सांगठनिक जिले बनाए जाने पर नाखुशी जाहिर किए जाने से हरकत में आई प्रदेश भाजपा अब दीवाली से पहले पहल सांगठनिक जिलों का पुनर्गठन कर देगी। तेरह प्रशासनिक जिलों से एक ज्यादा, कुल 14 नए सांगठनिक जिले वजूद में आएंगे। संगठन के जिले घटने से मायूस पार्टी नेताओं के लिए खुशखबरी यह है कि लगभग साढ़े छह महीने के इंतजार के बाद अब जल्द लगभग ढाई दर्जन दायित्वों का बंटवारा होने जा रहा है।

बीजापुर अतिथि गृह में चार घंटे से ज्यादा लंबी चली प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के समय दिए गए निर्देशों पर मंथन किया गया। इसमें प्रमुख मुद्दा सांगठनिक जिलों का गठन रहा। इसमें मौजूदा सभी 13 प्रशासनिक जिलों के अलावा 14 वां सांगठनिक जिला देहरादून महानगर को लेकर चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि कार्य व जनसंख्या को देखते हुए 14 वें सांगठनिक जिले का गठन किया जाएगा। यह भी चर्चा हुई कि इन जिलों की कार्यकारिणी का नए सिरे से गठन किया जाएगा जिसमें पदाधिकारियों की संख्या को बढ़ाया जाएगा ताकि पूरे जिले में संगठन मजबूती से काम कर सके।

बैठक में दायित्वों के लिए संगठन की ओर से तैयार की गई लगभग ढाई दर्जन नामों की सूची पर भी मंथन किया गया। प्रकल्प व प्रकोष्ठों को भी दिए गए कार्यक्रमों में तेजी लाने के लिए कार्ययोजना बनाने पर चर्चा की गई। आगामी निकाय व लोकसभा चुनावों को लेकर अभी से तैयारियों पर भी जोर दिया गया। इसके लिए अभी से कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया। संगठन को जल्द ही इसके लिए सूची तैयार करने को भी कहा गया।

कोर कमेटी की बैठक के बाद सभी सदस्य मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और उन्हें बैठक में लिए गए निर्णयों से अवगत कराते हुए उनके सुझाव भी लिए। बैठक में भाजपा राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, महामंत्री संगठन संजय कुमार, महामंत्री नरेश बंसल व गजराज सिंह आदि मौजूद थे।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि बैठक में पार्टी के सांगठनिक जिलों के पुनर्गठन को लेकर ही मुख्यतया चर्चा हुई। इस संबंध में रूपरेखा तय कर ली गई है। अभी इसे अंतिम रूप देने के लिए संभवतया एक और बैठक आयोजित की जाएगी। हमारा प्रयास है कि दीवाली से पहले-पहल सांगठनिक जिलों के पुनर्गठन के काम को पूरा कर लिया जाए।

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