उत्तर प्रदेश

महिला एवं बाल विकास विभाग

उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है कि बेघर, आश्रयहीन, मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम बालकों की देखभाल हम सबको जी जान से करनी है। बच्चों के कल्याण के बिना हम सच्चे अर्थों में प्रगति नहीं कर सकते हैं। प्रो0 जोशी इन्दिरा भवन स्थित कार्यालय में आज बाल कल्याण कार्यक्रम से सम्बन्धित कार्यशाला में समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने उपस्थित बाल कल्याण समिति के सदस्यों, गैर सरकारी संगठन के सदस्यों का ध्यानाकर्षण किया कि सर्वप्रथम जिलाधिकारियों का सहयोग लेकर बच्चों के आधार कार्ड बनवाये जायें। सड़क पर भीख मांगते हुए बच्चों का सर्वेक्षण कराया जाये। बाल कल्याण समितियों को चाहिए कि विज्ञापन के माध्यम से पता करके बच्चों को उनके घर पहुंचाया जाये।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि बाल कल्याण के क्षेत्र में व्यक्तिगत रूचि लेकर काम किया जाय, मात्र पत्र लिखकर अपने कर्तव्य की इतिश्री न समझ ली जाय। खोये हुए बच्चों को गलत व्यक्ति के हाथ में न सौंपकर उनके वास्तविक संरक्षक, माता-पिता को सौंपा जाय। प्रो0 जोशी ने बेसहारा बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षण संस्थाओं में इन्हें प्रवेश दिलाया जाय तभी यह बच्चे अच्छी तालीम हासिल कर अपना जीवन सुधार सकेंगे। महिला कल्याण मंत्री ने बेसहारा बच्चों को अच्छा, पौष्टिक खाना उपलब्ध कराने तथा बच्चों को आॅनलाइन दत्तक के रूप में दिए जाने पर बल दिया।
इससे पूर्व विभाग की प्रमुख सचिव सुश्री रेणुका कुमार ने सी0सी0टी0वी0 कैमरा की मानीटरिंग, ई-टेंडरिंग तथा जन पोर्टल को लागू करने पर बल दिया। कार्यक्रम में डा0 अंशुमाली शर्मा सहित बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने अपने सुझाव रखे।

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