उत्तराखंड विकास खण्ड

मिलजुल कर काम करने से साफ होगी गंगा: सीएम रावत

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय राज्य मंत्री डा. सत्यपाल सिंह और विभागीय अधिकारियों के साथ नमामि गंगे की बैठक की। इस दौरान गंगा को स्वच्छ, अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए, घाटों के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, और सीवर ट्रीटमेंट प्लान पर चर्चा की गर्इ।

नमामि गंगे योजना को लेकर की गर्इ इस बैठक में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि एसटीपी के जो कार्य हुए हैं, उसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी घर, होटल और अन्य संस्थान इससे जुड़े हों। इसकी नियमित मोनेटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि स्थलीय निरीक्षण कर इसकी प्रत्येक 15 दिन में रेटिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि नमामि गंगे केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण प्रोजक्ट है। कार्यों में तेजी लाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर गंगा कमेटी की समय-समय पर बैठक ली जाए। स्टेट प्रोजेक्ट मोनेटरिंग ग्रुप (एसपीएमजी) का जल्द से जल्द डेशबोर्ड बनाया जाए। जिससे कार्यों की भौतिक और वित्तीय प्रगति का समय-समय पर सही आंकलन किया जा सके।

मिलजुलकर काम करने से साफ होगी गंगा  

सीएम ने गंगा की स्वच्छता को लेकर सभी विभागों द्वारा मिलजुल कर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मिलजुल कर ही यह काम संभव है। इस दौरान उन्होंने दिशा-निर्देश दिए कि हरिद्वार में कनखल स्थित सती घाट को भी नमामि गंगे के अंतर्गत विकसित किया जाए। गंगा घाटों पर नियमित सफाई अभियान चलाया जाए। सीएम ने सख्त लहजे में कहा कि गंगा के किनारे ठोस अपशिष्ट डालने वालों पर कार्रवार्इ की जाए, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कूड़ा निर्धारित स्थानों पर ही डाला जाए।

गंगा स्वच्छता के लिए चलाया जाए जागरुकता अभियान

वहीं केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल ने कहा कि नमामि गंगे के तहत होने वाले सभी कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। उनका यह भी कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी इंडस्ट्री और होटल एसटीपी से जुड़े हों। सभी इंडस्ट्रीज का निरीक्षण किया जाए कि उनमें दूषित जल संचार उपचार सयंत्र कि उचित व्यवस्था है या नहीं। अगर कहीं पर यह व्यवस्था नहीं पार्इ जाती है तो उनपर कार्रवार्इ की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए सभी विभागों के साथ ही एनजीओ और अन्य संगठनों को भी शामिल किया जाए।

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