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मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में इलाज का खर्च उठाएगी सरकार

देहरादून : मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों को सरकार ने राहत दी है। इसके तहत एमएसबीवाई में इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। जबकि कोताही बरतने पर बीमा कंपनी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिस कंपनी से अनुबंध किया गया था, उसे नवंबर अंत तक काम करना था। कंपनी ने राज्य के गरीबों के साथ धोखा किया है। सरकार कंपनी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी का भी उपचार नहीं रुकेगा। जब तक योजना दोबारा नहीं शुरू होती मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

सीएम ने कहा कि जितने भी डॉक्टर हैं, वह बेझिझक इलाज करें, खर्चा सरकार देगी। सीएम ने कहा कि जिन अफसरों की लापरवाही से योजना रुकने की नौबत आई है, उनके खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करने जा रही है। जिन अस्पताल का गैर संवेदनशील व अमानवीय रवैया रहा है उसका संज्ञान भी लिया जा रहा है।

बता दें कि अप्रैल 2015 में शुरू हुई मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभार्थियों को बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड जारी किए गए थे। जिसके तहत कार्डधारक परिवार को 50 हजार रुपये का हेल्थ कवर और सवा लाख रुपये गंभीर बीमारियों का बीमा कवर मिलता है। इस कार्ड का इस्तेमाल एमएसबीवाई के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए किया जा सकता है।

योजना में सरकारी कर्मचारी, पेंशनर और आयकर दाता शामिल नहीं हैं। योजना पर ब्रेक लगने से मरीज आफत में हैं। दून में ही एक निजी अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण एक महिला की जान चली गई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि संबंधित कंपनी का कृत्य बहुत गंभीर व आपराधिक प्रकृति का है। कंपनी को तुरंत ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए।

यह है स्थिति 

-प्रदेश में साढ़े बारह लाख परिवारों के हैं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्ड।

-योजना के तहत 1206 सामान्य रोगों, 458 गंभीर रोगों और 50 प्रकार की स्थितियों में उपचार के बाद देखभाल की सुविधा।

-योजना के  तहत पात्र अभ्यर्थियों को प्रदेश के 94 सरकारी और 90 निजी अस्पतालों में निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ।

-दून के 19 निजी अस्पताल भी पैनल में शामिल।

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