उत्तर प्रदेश

रोजगार दफ्तर में रजिस्टर्ड ही नहीं है लखनऊ टीसीएस

लखनऊ  राजधानी से बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी कर रही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) लखनऊ के रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड ही नहीं है। सेवायोजन विभाग के नियमानुसार किसी भी कंपनी को स्थापित होने से पूर्व कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में रोजगार कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसीलिए अब क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय टीसीएस को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रोजगार कार्यालय के अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम 1959 के अनुसार ऐसी किसी भी कंपनी को अपने यहां कर्मचारियों की भर्ती से पहले सेवायोजन विभाग में पंजीयन और रिक्तियों की सूचना देने की अनिवार्यता है। इसके बावजूद टीसीएस ने ऐसा नहीं किया। साथ ही अब अचानक कंपनी शिफ्ट करने का एलान कर वहां काम कर रहे कर्मचारियों का भविष्य दांव पर लगा दिया है।

रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं? इस सवाल पर कंपनी के स्थानीय प्रमुख स्तर के अधिकारी जवाब देने से किनारा काट रहे हैं। दैनिक जागरण ने कंपनी के स्थानीय प्रभारी अमिताभ तिवारी से फोन पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, मगर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वाट्सएप पर संदेश भेजने पर भी उनका जवाब नहीं आया।

क्या है अधिनियम: रोजगार कार्यालय अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम 1959 के तहत 25 से ज्यादा कर्मचारियों वाली संस्था, फर्म और कंपनी को जिले के सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन कराना होता है। पंजीयन के बाद कर्मचारियों की भर्ती से पहले रिक्तियों की संख्या की जानकारी कार्यालय को देनी होती है। इसके लिए सेवायोजन विभाग ने ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की है। प्रदेश में अब तक 5200 कंपनियां सेवायोजन विभाग के वेबपोर्टल पर पंजीकृत हैं।

कर्मचारियों की भर्ती से पहले कराना होता है पंजीयन: 25 कर्मचारियों के ऊपर वाली सभी कंपनियों को भर्ती से पहले विभाग के वेबपार्टल पर पंजीयन कराना होता है।

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