राजनीति

लखीमपुर खीरी मामला : राहुल गांधी बोले- विपक्ष के दबाव पर निर्भर करेगी केंद्र की कार्रवाई

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संसद में लखीमपुर खीरी मामले पर चर्चा नहीं करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मामले में केंद्र द्वारा की गई कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि विपक्ष उसपर कितना दबाव डालता है। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए राहुल गांधी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि  हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मंत्री का इस्तीफा हो और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले।

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का उदाहरण देते हुए वायनाड के सांसद राहुल ने कहा कि हमने कहा था कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा। सभी ने दबाव डाला और कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को इस्तीफा दे देना चाहिए और संसद में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है लखीमपुर खीरी की घटना एक साजिश है। यह स्पष्ट रूप से है। हर कोई जानता है कि किसका बेटा शामिल है। हम चाहते हैं कि मंत्री (गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी) इस्तीफा दें। हम संसद में चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया। वे बहाने बना रहे हैं।

इससे पहले आज राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं नेलखीमपुर खीरी घटना पर गृह राज्य मंत्री (MoS) अजय मिश्रा टेनी को पद से हटाने की मांग करते हुए सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया था। इसे लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ। यह पूछे जाने पर कि क्या अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए? राहुल गांधी ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि निश्चित रूप से ऐसा होना चाहिए। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी घटना में शामिल है।

तीन अक्टूबर को हुई इस घटना में आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपितों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मामले के विवेचक इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर की सीजेएम कोर्ट में धाराएं बढ़ाने की अर्जी पर मंगलवार को कोर्ट ने मुहर लगा दी। सीजेएम चिंताराम ने मंगलवार को विवेचक की अर्जी को मंजूरी देते हुए दुर्घटना में मौत की धाराओं को हटाते करते हुए जानलेवा हमला, गंभीर चोट कारित करना व शस्त्र अधिनियम की धाराएं बढ़ाने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके बाद इनसे जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। बता दें कि आरोपितों पर हत्या की धारा 302 पहले से ही लगी है। इंस्पेक्टर ने अपनी अर्जी में कहा कि अब तक के साक्ष्य संकलन से यह साबित हुआ है कि हिंसा वाले दिन जो भी हुआ वह सुनियोजित ढंग से गहरी साजिश थी।

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