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लाभ में चल रहे चार निगमों को सातवें वेतनमान देने का रास्ता साफ

देहरादून : सातवें वेतनमान को लेकर राज्य सरकार के सार्वजनिक निगमों-उपक्रमों का इंतजार अब जल्द खत्म होने के आसार हैं। मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में लाभ में चल रहे निगमों ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम और पारेषण निगम के साथ ही वन विकास निगम को ये तोहफा देने को हरी झंडी दिखाई गई, जबकि अन्य निगमों के बोर्ड से उक्त प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजने के निर्देश दिए गए।

राज्य कर्मचारियों को छह माह पहले ही सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है। उक्त शासनादेश के साथ ही राज्य सरकार अपने सार्वजनिक निगमों व उपक्रमों के कर्मचारियों को भी सातवां वेतनमान देने को हरी झंडी दिखा चुकी है। लेकिन, इसमें मुश्किलें पेश आ रही हैं। बड़ी संख्या में निगमों के बोर्डों ने नए वेतनमान के संबंध में प्रस्ताव पारित करने की जरूरत नहीं समझी।

इसके चलते निगम कार्मिकों को अभी तक सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल सका। गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम, परिवहन निगम, पेयजल निगम, जल संस्थान और जिला पंचायत भी शामिल है।

बैठक में बताया गया कि निगमों के बोर्ड सातवें वेतनमान के प्रस्ताव को पारित कर शासन को भेज नहीं रहे हैं। इस मामले में विभागाध्यक्ष व सचिव उदासीनता बरत रहे हैं। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने कहा कि निगमों को सातवां वेतनमान देने के संबंध में शासन स्तर से कोई रोक नहीं लगी है। यह तय हुआ कि नए वेतनमान के लिए तमाम निगमों को हफ्तेभर में दोबारा प्रस्ताव सौंपना होगा।

उधर, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ नया वेतनमान नहीं मिलने के विरोध में आंदोलन का ऐलान कर चुका है। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष रावत एवं महासचिव रवि पचौरी ने कहा कि निगमों को सातवां वेतनमान देने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजने में विभागाध्यक्ष ही रुचि नहीं रहे हैं। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

  • संपादक कविन्द्र पयाल

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