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लोकसभा द्वारा पारित नया उपभोक्ता संरक्षण विधेयक मुकदमेबाजी की लागत और समय में कटौती करेगा और उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रक्रिया को बेहतर बनाएगा: सी.आर.चौधरी

नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामले विभाग ने आज नई दिल्ली स्थित कोठारी ऑडिटोरियम, डीआरडीओ भवन में ‘उपभोक्ता की शिकायतों का समय पर निपटान’ विषय के साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2018 मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, तथा वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सी. आर. चौधरी ने की। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के अध्यक्ष ने प्रतिभागियों को संबोधित किया जबकि इस अवसर पर पूर्व विधि सचिव श्री सुरेश चन्द्र थीम स्पीकर थे।

इस वर्ष राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस ऐसे महत्वपूर्ण समय में मनाया जा रहा है, जब सरकार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 को रद्द करने तथा ऐसे महत्वपूर्ण बदलावों के साथ नया कानून लाने जा रही है, जो उपभोक्ता शिकायत निवारण के सभी पहलुओं को कवर करेगा, ज्यादा कारगर उपभोक्ता संरक्षण हेतु भावी चुनौतियों से निपटने के लिए उपभोक्ता मंच के काम-काज को सुचारू बनाएगा। नया विधेयक लोक सभा ने 20 दिसंबर 2018 को पास किया और ये विधेयक इस समय मंजूरी के लिए राज्य सभा में लंबित है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग में सचिव श्री अविनाश के. श्रीवास्तव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि नये बाजार उपभोक्ताओं के लिए नयी चुनौतियां लेकर आये हैं। उन्होंने कहा कि ‘जागो ग्राहक जागो’ अभियान के जरिए सरकार द्वारा लगातार किये गये प्रयासों के कारण उपभोक्ता अब अपने अधिकारों के लेकर ज्यादा सजग हो चुके हैं, जिसकी परिणति ऐसे मामलों की संख्या बढ़ने में हुई है। इसलिए उपभोक्ता मामलों के समय पर निपटान का विषय राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2018 को मनाने के लिए बिलकुल उचित है।

श्री श्रीवास्तव ने विभाग द्वारा लागत में कमी लाने तथा उपभोक्ता शिकायतों के समय पर निवारण के लिए विभाग द्वारा उठाये गये चार निम्न लिखित कदमों का उल्लेख किया:

  1. नये सॉफ्टवेयर और अतिरिक्त परामर्शदाताओं तथा 6 जोन में जोनल हेल्पलाइन के साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को मजबूत बनाया गया। मामलों के त्वरित निपटान के लिए अनेक ई-कॉमर्स प्लेटफार्म सहित 480 प्रमुख कंपनियों को अभिसरण भागीदार के रूप में साथ जोड़ा गया है।
  2. नये बुनियादी ढांचे और उपभोक्ता मंचों की कम्प्यूटर नेटवर्किंग से संबंधित सीओएनएफओएनईटी के साथ उपभोक्ता मंच को मजबूत बनाना
  3. एनसीडीआरसी ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नये नियम जारी किये जिसके तहत 21 दिन के भीतर मामले को स्वीकार या खारिज कर और अंतिम सुनवाई के बाद 45 दिन के भीतर निर्णय सुनाना होगा। राज्यों के लिए आदर्श नियम निरूपित किये गये हैं, ताकि जिला मंचों और राज्य आयोगों के लिए योग्यता प्राप्त व्यक्तियों की भर्ती की जा सके ।
  4. केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के माध्यम से नया उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018और मध्यस्थता व अधिनिर्णय की प्रक्रियाओं के सरलीकरण के जरिए वैकल्पिक विवाद निपटान व्यवस्था के परिणाम स्वरूप उपभोक्ता मामलों का त्वरित निपटान हो सकेगा।

पूर्व विधि सचिव श्री सुरेश चन्द्र ने इस विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि उपभोक्ता संरक्षण का इतिहास बहुत पुराना है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम इस मायने में विलक्षण है, क्योंकि वह अकेला ऐसा कानून है, जो तीन स्तरों की निवारण एंजेंसियों के साथ मुआवज़ा देने वाला है। इंटरनेट और स्‍मार्टफोन्‍स की पैंठ और चौबीसों घंटे खरीददारी की सुविधा के साथ ई-कॉमर्स का भारत में तेजी बढ़ना तय है।

      एनसीडीआरसी के अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति आर के अग्रवाल ने कहा कि न्‍यायिक प्रणाली का कार्य निष्‍पादन और राष्‍ट्र का विकास परस्‍पर सम्‍बद्ध है। उन्‍होंने कहा कि नये उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक, 2018 में उपभोक्‍ता आयोगों को अधिकारसम्‍पन्‍न बनाने और यह सुनिश्चित करने के अनेक प्रावधान हैं कि न्‍याय उपभोक्‍ता के दरवाजे तक समय पर पहुंचे। उन्‍होंने यह भी कहा कि उच्‍चतम न्‍यायालय ने भारत के संविधान के 21वें अनुच्‍छेद में अं‍तर्निहित त्‍वरित न्‍याय को नागरिक का मौलिक अधिकार स्‍थापित कर सही कदम उठाया है।

      उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सी. आर. चौधरी ने अपने अध्‍यक्षीय भाषण में राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस के अवसर पर सभी भारतीयों को बधाई दी और कहा कि पूरी अर्थव्‍यवस्‍था उपभोक्‍ता के इर्द-गिर्द घूमती है। श्री चौधरी ने कहा कि हम उपभोक्‍ताओं को स्‍मार्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं , लेकिन भारत जैसे विशाल देश में इस प्रक्रिया को पूरा करने में अभी वक्‍त लगेगा। इस बीच, हमें उपभोक्‍ताओं के नुकसान और शोषण का शिकार बनने पर भी रोक लगानी होगी। उन्‍होंने 20 दिसम्‍बर, 2018 को उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक, 2018 पारित करने के लिए लोकसभा के सदस्‍यों का आभार प्रकट किया।इस विधेयक में मुकदमेबाजी की लागत में कमी लाने और उसे कम समय की खपत वाला बनाने के अनेक प्रावधान मौजूद हैं।

      श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अक्‍सर कहते रहे हैं कि उपभोक्‍ता राजा है, इसलिए यह मंत्रालय भी उपभोक्ताओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें उन्हें सही समय और सही जगह पर सही वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि मामलों का त्वरित निपटारा होना आवश्यक है, क्योंकि देर से मिले न्याय की कोई सार्थकता नहीं होती और इस उद्देश्य के लिए अर्द्ध-न्यायिक प्रणाली को सुद्दढ़ और सुचारू बनाया जा रहा है। उन्होंने शिकायतों को स्वीकार्य समझने, मध्यस्थता और अनुचित तरीकों की विभिन्न परिभाषाओं के विस्तार का भी उल्लेख किया। श्री चौधरी ने ये भी कहा कि आदर्श नियम राज्य सरकारों को समान भर्ती नियम, योग्यताएं, चयन प्रक्रिया और वेतन  अपनाने में समर्थ बनायेंगे ताकि उपभोक्ता मंचों के प्रबंधन के लिए बेहतर योग्यता प्राप्त व्यक्ति मिल सकें।

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