विश्व अर्थराइटिस दिवस 2017: इन कारणों से होता है अर्थराइटिस, भारत में तेजी से बढ़ रही है ये बीमारी
विश्व अर्थराइटिस दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान के कारण अर्थराइटिस यानी गठिया रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले बीस साल में इसके मरीजों की संख्या में करीब पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में यह रोग मधुमेह के बाद सबसे तेजी से फैल रहा है। शुरूआत में अर्थराइटिस के खास लक्षण नहीं होते हैं। अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। कुछ प्रकारों जैसे रूमेटाइटड अर्थराइटिस में सुबह के वक्त यह दर्द बहुत बढ़ जाता है। कुछ मामलों में अर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है। इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। मानसून और ठंड के वक्त भी इसका दर्द बढ़ जाता है।
अर्थराइटिस की बीमारी ऐसी बीमारी है तो जल्द इलाज मांगती है। समय से इलाज शुरू कर देंगे तो तकलीफ ज्यादा नहीं बढ़ेगी।
सेल्फ मेडिकेशन न करें। किसी विषेशज्ञ से जरूर सलाह लें।
विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज के संबंध में जरूर जानकारी ले। गलत थैरेपी का चुनाव करने से आपको परेशानी हो सकती है।
फिजियोथैरेपी का पालन अनुशासित ढंग से करें। इसमें विशेषज्ञ की सलाह होनी बहुत जरूरी है।