उत्तराखंड समाचार

सफलता के लिए सकारात्मक सोच जरूरी: डीजीपी

देहरादून: दून विश्वविद्यालय के एमए व एमएससी प्रथम सेमेस्टर के दीक्षारंभ कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों में सकारात्मक सोच जरूरी है। सफलता के लिए 35 प्रतिशत आनुवंशिक कारण, 50 प्रतिशत कठिन परिश्रम व 15 प्रतिशत भाग्य या नियति से संबंधित कारक हो सकते हैं। गत गुरुवार को आयोजित कार्यशाला में डीजीपी ने विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि युवाओं से बेहतर संवाद स्थापित हो सके। डीजीपी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कई टिप्स दिए। कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए। जीवन में सफलता के लिए जरूरी है कि स्वयं के प्रति एवं अन्य लोगों के प्रति सकारात्मक सोच रखें, क्योंकि सकारात्मक सोच का प्रभाव हमारे मन और मस्तिष्क दोनों पर पड़ता है। डीजीपी ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में आइक्यू से ज्यादा जरूरी इमोशनल इंटेलीजेंस है, क्योंकि इमोशनल इंटेलिजेंस से व्यक्ति खुद के इमोशस को समझता है और उसका प्रबंधन करता है। कार्पोरेट दुनिया में आजकल नौकरी देते समय उम्मीदवार की इमोशनल इंटेलिजेंस को भी परखा जाता है। कार्यक्रम का संचालन डीएसडब्ल्यू प्रो. एचसी पुरोहित ने किया। कार्यक्रम में प्रो. चेतना पोखरियाल, प्रो. हर्ष डोभाल, डा. सविता कर्नाटक, डा. अरुण आदि मौजूद रहे।

दो रिहेबिलिटेशन सेंटर खुलवाने को भेजा है पत्र

डीजीपी अशोक कुमार ने युवाओं में नशे की लत पर कहा कि नशे का कारोबार और नशा सेवन आजकल बहुत अधिक प्रचलन में है। उत्तराखंड पुलिस इसे कंट्रोल करने का भरपूर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड पुलिस की ओर से जागरूकता अभियान और नशे के व्यसन से ग्रसित नागरिकों की काउंसलिंग कराई जाती है। नशा छुड़वाने के लिए दो रिहेबिलिटेशन सेंटर खुलवाने के लिए पुलिस विभाग ने शासन को पत्र भी लिखा है, ताकि नशे से ग्रस्त जनों को उचित इलाज मिल सके।

दून विवि के विद्यार्थी प्रतिभावान: कुलपति

कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि दून विवि के विद्यार्थी प्रतिभावान हैं। वे विभिन्न क्षेत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा की क्षमता रखते हैं।

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