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सर्दी में तेज़ बुखार कहीं निमोनिया के लक्षण तो नहीं? जानिए कारण और बचाव के उपाय

निमोनिया की परेशानी सर्दी में बेहद परेशान करती है। यह एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण के कारण होती है। सही समय पर लक्षणों की पहचान करके इलाज शुरू नहीं किया जाए तो इस बीमारी की वजह से फेफड़ों में सूजन आ जाती है और फेफड़ों में पानी भर जाता है।

सर्दी के मौसम में निमोनिया का असर ज्यादा होने लगता है, सर्दी में नमी ज्यादा होने के कारण बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण ज्यादा होता है। भारत में अभी भी टीबी के बैक्टीरिया निमोनिया का सबसे बड़ा कारण बने हुए हैं। सर्दी में इस बीमारी के लक्षणों को अगर जल्दी पहचान लिया जाए तो तुरंत इस बीमारी का उपचार शुरू किया जा सकता है। आइए जानते हैं निमोनिया के लक्षणों की पहचान कैसे करें और उपाचर भी।

निमोनिया होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं:

  • निमोनिया के लक्षणों की बात करें तो मरीज को ठंड या बिना ठंड के बहुत तेज बुखार आएगा।
  • खांसी के साथ पीले रंग का बलगम आना,
  • लंबी सांस लेने में मरीज को काफी दर्द महसूस होना, छाती में दर्द होना
  • कभी-कभी खांसी के साथ खून आना
  • भूख नहीं लगना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।

लक्षण दिखने पर क्या करना चाहिए:

साधारण निमोनिया की पहचान एक्सरे या सीटी स्कैन से की जा सकती है। समय पर इलाज किया जाए तो निमोनिया का उपचार आसानी से किया जा सकता है। इस बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सर्दी में निमोनिया से बचाव के उपाय:

  • ठंड के मौसम में घऱ से बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहनकर निकलें।
  • बैक्टीरिया से बचाव के लिए भी वैक्सीन जरूर लगवाएं। बैक्टीरियल वैक्सीन लगाने से बीमारी की गंभीरता कम हो जाती है।
  • सर्दी में स्मोकिंग और ड्रिंकिंग करने वाले लोगों को निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए परहेज़ करें।
  • शुगर के मरीजों को ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन को डाइट में शामिल करना चाहिए।

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