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सातवें वेतनमान को कर्मचारियों ने रखा उपवास

देहरादून: सातवें वेतनमान के मुद्दे पर सरकार और शासन पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए निगम, निकाय, जल संस्थान, विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत आदि विभागों के कर्मचारियों ने गांधी पार्क के द्वार पर उपवास किया। 19 सितंबर को कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर फिर भी मांगों पर कार्यवाही नहीं हुई तो बेमियादी हड़ताल के लिए विवश होना पड़ेगा।

राज्य निगम, निकाय, जल संस्थान, विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संतोष रावत ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसलिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। सातवें वेतनमान को लेकर पूर्व में आंदोलन सरकार और शासन की ओर से मिले भरोसे के चलते स्थगित किए गए थे। लेकिन, झूठे आश्वासन देकर कर्मचारियों को गुमराह किया जाता है। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई और एक अगस्त को शासन में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई थी। कार्यवृत्त में ऊर्जा के तीनों निगमों के साथ अन्य विभागों के प्रशासकीय विभागों द्वारा सातवें वेतनमान लागू करने का प्रस्ताव आगामी कैबिनेट की बैठक में रखने का उल्लेख था। लेकिन छह सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में सिर्फ ऊर्जा के तीनों निगमों के प्रस्ताव रखे गए, जिन्हें मंजूरी मिली। इससे अन्य विभागों के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। महासंघ के महासचिव रवि पचौरी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा न ले। सरकार कर्मचारियों को आपस में बांटने का काम कर रही है। 18 सितंबर तक अगर सातवें वेतनमान को लागू करने का प्रस्ताव जारी नहीं हुआ तो 19 सितंबर को निगमों, निकायों व अन्य विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। पेयजल आपूर्ति ठप रहने से लेकर बसों के पहिये भी जाम रहेंगे। उपवास पर बैठने वालों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष एसपी पंत, उपाध्यक्ष प्रवीण रावत, गजेंद्र कपिल, सूर्यप्रकाश रणाकोटी, रमेश नेगी, रमेश बिंजौला, रमेश नेगी, गुरमीत सिंह, श्रीकृष्ण रतूड़ी, रविंद्र भगत, अशोक शर्मा, अजयकांत शर्मा, ओमप्रकाश, चंद्रपाल बिष्ट, दिलीप रावत, चंद्रशेखर शर्मा आदि मौजूद रहे।

नगर निगमों-निकायों में ठप रहेगा काम

सातवें वेतनमान को लेकर 19 सितंबर को नगर निगमों और निकायों में कामकाज पूरी तरह ठप रहेगी। नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के कार्यवाह अध्यक्ष नाम बहादुर ने कहा कि सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलने से कर्मचारियों में गुस्सा है। राज्य निगम, निकाय, जल संस्थान, विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत कर्मचारी महासंघ आह्वान पर हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया गया है। महामंत्री महावीर सिंह राणा ने कहा कि हड़ताल के चलते साफ-सफाई से लेकर निगम व निकायों से जुड़ा कोई काम नहीं होगा।

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