राजनीति

सोशल मीडिया में उत्तराखंड के दो दिग्गजों के बीच छिड़ा संग्राम

देहरादून,  : प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर वित्त मंत्री प्रकाश पंत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच ट्विटर पर छिड़ा सियासी संग्राम फिलहाल थमता नहीं दिखाई दे रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपों पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बाकायदा आंकड़े जारी किए।

आंकड़ों में दिखाया गया है कि राज्य की ऋणग्रस्तता वर्ष 2002-03 में 6002.62 करोड़ से बढ़कर 15-16 में 39031.87 करोड़ रुपये हो गई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर किए जा रहे भ्रमित प्रचार का जवाब ये आंकड़े स्वयं ही दे रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बीच ट्विटर पर यह दिलचस्प सियासी संग्राम सोमवार को हरीश रावत के एक ट्वीट से शुरू हुआ। दरअसल, जीएसटी लागू होने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा था कि इससे राज्य को मिलने वाले राजस्व में करीब 20 फीसद की वृद्धि होगी।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत के इस बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत जी आप बहुत निष्ठुर हैं। जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाले हिस्से में 19.5 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसका अर्थ है कि आपके पास विकास के लिए जन कल्याण के लिए पर्याप्त राशि होगी।

यह तभी संभव हुआ जब तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश की पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2016-17 में राजस्व वृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए और पूरे देश में सर्वाधिक राजस्व वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त किया। कुछ तो धन्यवाद देना सीखो।

इसके जवाब में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड को वित्तीय संकट में धकेलने का दोषी कौन है। नॉन टैक्स राजस्व 1600 करोड़ से घट कर 1210 करोड़  रह गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सीएम झूठे आंकड़े ट्वीट कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।

इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दोबारा ट्वीट कर कहा कि प्रकाश पंत जी आपने कहा कि विकास से संबंधित आंकड़े झूठे हैं। मैंने ये सभी झूठे आंकड़े आपके बजट भाषण से लिए हैं। आपने अपने बजट भाषण में राज्य की ग्रोथ रेट का जिक्र किया है, मैंने सिर्फ  उसे एक साल आगे की अनुमानित ग्रोथ रेट बताई। उसी तरह पर कैपिटा इनकम की वृद्धि के जो आंकड़े आपने दिए हैं, वे भी मैंने दिए हैं। मैंने आपके ही बजट से गणना कर निकाला है।

मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आज सेवा क्षेत्र में राज्य की वार्षिक विकास दर 11 प्रतिशत से ऊपर है और औद्योगिक विकास दर 16.5 प्रतिशत से ऊपर है, यदि ये आंकड़े झूठे हैं तो सच्चे आंकड़े जारी करें।

इसके बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आंकड़े जारी करते हुए ट्वीट किया कि ये आंकड़े ही पूर्व सीएम को जवाब देने लिए काफी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भूमिका वाला नॉन टैक्स रेवेन्यू 2012-13 के 1602 करोड़ 2016-15 में घटकर 1219 करोड़ रह गया, जबकि करों से प्राप्त होने वाले राजस्व, जिसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती, उसमें इजाफा हुआ है।

वर्ष 2011-12 में कर के रूप में 5615.56 करोड़ का राजस्व मिला, जबकि वर्ष 2015-16 में यह बढ़कर 9377.79 करोड़ हुआ। राजस्व में वृद्धि में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि यह केवल कर से प्राप्तियां थी। ट्वीटर पर संग्राम जारी है। आने वाले दिनों में इसमें कई और रंग देखने को मिल सकते हैं।

  • संपादक कविन्द्र पयाल

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