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सौभाग्य योजना से बदल जाएगी गांवों की सूरत, 4 करोड़ घर होंगे रोशन

नई दिल्ली  पंडित दीनदलाय उपाध्याय के 101वें जन्मदिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सहज बिजली हर घर’ योजना सौभाग्य लांच की। योजना का उद्देश्य देश के करीब चार करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाना है। पीएम मोदी ने कहा कि देश के कुल 25 करोड़ परिवारों में चार करोड़ परिवार बिना बिजली के रह रहे हैं। ऐसे में उन परिवारों तक बिजली पहुंचायी जाएगी। पीएम मोदी ने 2015 में कहा था कि उनकी सरकार एक हजार दिनों में 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाएगी। इसके एक वर्ष बाद पीएम मोदी की ओर से लाल किले के भाषण में दावा किया कि उनकी सरकार ने 500 से भी कम दिनों में दस हजार से ज्यादा गांवों तक बिजली पहुंचा दी है। उन्होंने बाकी 2986 गांवों तक दिसंबर 2018 तक बिजली पहुंचाने का वादा किया है।

रोशन होंगे गांव

नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में गांवों को बिजली पहुंचाने के मक़सद से दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत 18 हज़ार गांवों में से 78 फीसद गांवों तक बिजली पहुंचाई गई। इसके बावजूद समस्या का समाधान पूरी तरह से नहीं हो पाया। किसी भी गांव में 10 प्रतिशत लोगों के पास बिजली के कनेक्शन हैं और उसी गांव के सामुदायिक स्थानों जैसे स्कूल, अस्पताल, पंचायत ऑफिस में बिजली है तो यह गांव इलेक्ट्रिफाइड गांव की श्रेणी में आ जाता है। जबकि वहां की आबादी का बड़ा हिस्सा बिजली से वंचित होता है। सौभाग्य योजना का लक्ष्य गांव को नहीं, बल्कि हर घर को बिजली उपलब्ध करवाना है।

यूपी-बिहार चुनौती वाले राज्य

प्रधानमंत्री की इस योजना में सबसे बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य होंगे। बिहार के 85 फीसद ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है, उत्तर प्रदेश के भी लगभग 71 प्रतिशत इलाके में बिजली पहुंचनी बाकी है। बिजली मंत्रालय के गर्व मोबाइल एप के मुताबिक देश में 17.92 करोड़ ग्रामीण आवास हैं, जिनमें से 13.87 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन हैं। इस तरह से सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही 4.05 करोड़ ऐसे घर हैं, जिन्हें बिजली से जोड़ना है, जबकि सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस स्कीम से चार करोड़ घरों को बिजली दी जाएगी

क्या है सौभाग्य योजना 

–  सौभाग्य योजना पर कुल 16,320 करोड़ खर्च आने की उम्मीद है, जबकि सरकार की ओर से 12, 320 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

-ग्रामीण परिवारों के लिए 14,025 करोड़ के बजट का प्रावधान है, जिसमें से 10,587 करोड़ सरकारी सहायता मिलेगी। शहरी क्षेत्र के परिवारों के लिए 2,296 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 1732 करोड़ सरकार देगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य 31 दिसंबर 2018 रखा गया है।

– 2011 की जनगणना के आधार पर आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े परिवारों को फ्री में बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। ऐसे परिवार जो आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े नहीं है। लेकिन उनके यहां बिजली कनेक्शन नहीं है, उन्हें 500 रुपये में बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा, जिसे उन्हें दस बिल इंस्टालमेंट में अदा करना होगा।

-देश के जिन राज्यों में बिजली नहीं है, वहां 200 से 300 वाट का सोलर सिस्टम दिया जाएगा। इसके साथ एक एलईडी लाईट, एक डीसी पंखा, एक डीसी पावर प्लग दिया

जानकार की राय

ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने Jagran.Com से बातचीत में बताया कि सौभाग्य योजना एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना से उन लोगों को फायदा पहुंचेगा, जो गरीबी की वजह से बिजली का कनेक्शन नहीं ले पा रहे हैं। इस योजना में इन परिवारों को बहुत ही कम दाम पर बिजली के तार, स्विच इत्यादि उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस योजना से क्या होगा हासिल

– वातावरण कैरोसीन के प्रदूषण से मुक्त होगा।

– शिक्षा बेहतर होगी ।

– स्वास्थ्य बेहतर होगा ।

– जनता की रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी ।

– आर्थिक एक्टिविटी और नौकरियां बढ़ेंगी ।

– महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा ।

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