उत्तराखंड विकास खण्ड

स्टेट हाईवे व बाईपास घोषित होंगे जिला मार्ग

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे के दायरे से पांच सौ मीटर दूर शराब की दुकानें शिफ्ट करने को लेकर पसोपेश में फंसी सरकार अब शहरों के आंतरिक हिस्सों से गुजरने वाले स्टेट हाईवे को जिला मार्ग घोषित करने जा रही है।

उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर यह कदम उठाने का निर्णय लिया है, हालांकि उत्तराखंड में नेशनल हाईवे की संख्या ज्यादा होने के कारण सरकार का यह कदम कितना कारगर साबित होता है, इसे लेकर संशय है। नेशनल हाईवे पर स्थित बार को शिफ्ट करने के मामले में सरकार ने फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रदेश सरकार के पसीने छूट रहे हैं। दरअसल, उत्तराखंड में देशी व अंग्रेजी शराब की कुल 532 दुकानें हैं। इनमें से लगभग अस्सी फीसद, 402 दुकानें नेशनल हाईवे या स्टेट हाईवे के किनारे स्थित हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में इन्हें हाईवे के पांच सौ मीटर के दायरे से बाहर शिफ्ट किया जाना है। सरकार के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं।

एक तो इससे सरकार के राजस्व में भारी कमी का अंदेशा है और दूसरे आबादी वाले क्षेत्रों में शराब की दुकानें शिफ्ट करने का स्थानीय जनता भारी विरोध कर रही है। यह स्थिति लगभग पूरे राज्य में है और इसके खिलाफ जनता सड़कों पर आंदोलन कर रही है।

उत्तर प्रदेश में सरकार ने शहरों के आंतरिक हिस्सों से गुजरने वाले स्टेट हाईवे के हिस्सों और उनके बाईपास को जिला मार्ग घोषित कर दिया है। इससे उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में शराब की दुकानों को शिफ्ट करने से बचने का रास्ता तलाशा गया है। अब उत्तराखंड भी इसी तर्ज पर शहरों से गुजरने वाले स्टेट हाईवे और उनके बाईपास को जिला मार्ग घोषित करने की तैयारी में है।

संसदीय कार्य व आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जिला मार्ग घोषित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में नेशनल हाईवे की संख्या स्टेट हाईवे के मुकाबले ज्यादा है। इस लिहाज से इस बात का भी आंकलन किया जा रहा है कि कितनी दुकानें इस कारण शिफ्टिंग के दायरे से बाहर आ सकती हैं।

आबकारी मंत्री के मुताबिक सरकार नेशनल हाईवे के किनारे स्थित होटल व बार के मामले में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इसका कारण यह है कि राज्य में अधिकतर फाइव स्टार होटल और बार नेशनल हाईवे के किनारे ही स्थित हैं।

 

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