सेहत

हर उम्र की महिलाओं के लिए आवश्यक टेस्ट (Essential Tests For Women Of All Age Groups)

उम्र बढ़ने के साथ हमारे शरीर में अनेक बदलाव आते हैं, विशेषकर महिलाओं में और उसी प्रकार उनकी स्वास्थ्य के प्रति ज़रुरतें बदलती रहती हैं चाहे वह उपचार से संबंधित हों या रोकथाम से।

उम्र के हर दशक में महिलाओं के शरीर में कुछ बदलाव होते हैं और इस दौरान उन्हें कुछ टेस्ट जरूर कराने चाहिए। आइए जानें महिलाओं के लिए जरूरी ऐसे ही कुछ टेस्ट के बारे में-

20 से 30 वर्ष तक की उम्र में आवश्यक टेस्ट (Necessary tests at the age of 20 to 30 years)

इस उम्र में हर लड़की को हर दो वर्ष में एक बार विस्तृत मेडिकल चेकअप (Medical Check-up) करवाना चाहिए जिसमें उसकी और उसके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री (Medical History) के बारे में विस्तार से डॉक्टर से चर्चा होनी चाहिए।

पैप परीक्षण और श्रोणि परीक्षा (Pap test and Pelvic exam): इस उम्र की हर लड़की को 18 साल से या वह जब भी यौन क्रिया में सक्रिय  (Sexually Active) होती है।

Human papillomavirus (HPV): पॅपिलोमावाइरस (Papillomavirus) से सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए साल में तीन बार (पहले महीने, तीसरे महीने, और छठे महीने) टीकाकरण करवाने से सर्वाइकल कैंसर के खतरे से पूरे साल सुरक्षित रह सकते हैं।

स्तनों की जांच (Breast exam): इस उम्र में स्तन कैंसर होने के अवसर बहुत कम होते हैं लेकिन अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है तो जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

त्वचा की जांच (Skin Check): त्वचा का कैंसर किसी को भी कभी भी हो सकता है। हम स्वयं भी ABCDE नियम के अनुसार अपनी त्वचा की जांच कर सकते हैं। ABCDE नियम का मतलब है Asymmetry (असममिति), Border (किनारे), Color (रंग), Diameter (व्यास), and Evolving (कुछ नया उभारना) अगर इसमें कुछ भी असामान्य लगे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

डेंटल चेक अप (Dental Check-ups): नियमित तौर पर दंत चिकित्सक से अपने दाँतो और मसूड़ों की जांच करवाएं।

आँखों की जांच (Eye exams): नियमित तौर पर आँखों के चिकित्सक से अपनी आँखों की जांच करवाएं।

रक्त चाप एवं कोलेस्ट्रॉल (BP and Cholesterol): नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच से लाइफस्टाइल संबंधी कई रोगों के बारे में हमें समय रहते पता चल जाता है और हम उसके अनुरूप उचित उपाय कर सकते हैं।

30 से 40 वर्ष की महिलाओं के लिए आवश्यक टेस्ट (Tests required for 30 to 40 aged women’s)

ऊपर बताये गए टेस्ट के अलावा निम्न टेस्ट पर भी ध्यान दें ।

एड्स टैस्ट (AIDS test): साल में एक बार अवश्य करवाएं।

क्लैमाइडिया (Chlamydia): यह एक वैक्टीरियल संक्रमण है और एक सबसे ज्यादा पाया जाने वाला यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) है। इसका इलाज पूरी तरह से सम्भव है लेकिन इलाज़ न करवाने पर इससे बच्चा पैदा करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

पैप परीक्षण और श्रोणि परीक्षा (Pap test and Pelvic exam): इस उम्र तक आते आते यह टेस्ट तो महिलाओं के लिए एक वार्षिक फीचर होना चाहिए।

स्तनों की जांच (Breast exam): स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जब आप पैप परीक्षण और श्रोणि परीक्षा के लिए जाते हैं तो आप अपने स्तनों की जांच भी करवा सकते हैं या आप खुद भी जांच कर सकते हैं कि कुछ असामान्य तो नहीं है।

40 और उससे बड़ी महिलाओं के लिए आवश्यक टेस्ट (Essential tests for women’s of 40 and more than it)

मैमोग्राम्स (Mammograms): चालीस वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए दो वर्ष में एक बार मैमोग्राम्स अनिवार्य है।

पैप स्मीयर (Pap smears): अगर तीन बार नॉर्मल या नकारात्मक परिणाम आने के बाद आपको हर तीन साल में यह टेस्ट करवाना चहिये।​

खून में शुगर की मात्रा (Diabetes Screening): अमूमन 40 पार करते ही हमें कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान देना शुरू करना चाहिए जैसे खून में शुगर की मात्रा (Diabetes screening)। 45 साल की उम्र से ही हमें हर तीसरे वर्ष यह जांच अवश्य करवानी चाहिए।

रक्तचाप (Blood Pressure): यह भी एक महत्वपूर्ण विषय है जिसको हमें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अगर हमारा रक्तचाप 130/80 से बहुत ज्यादा ऊपर या नीचे जाता है तो सावधान हो जाना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल परीक्षण (Cholesterol Testing): 45 वर्ष से अधिक उर्म की महिलाओं को अपना कोलेस्ट्रॉल प्रति वर्ष चैक करवाना चाहिए।

इंडस हेल्थ प्लस (Indus Health Plus)

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